टांगरी का जल स्तर बढ़ने से प्रशासन और स्थानीय की उड़ी नींद, कल बढ़ सकता है पानी
जागरण संवाददाता अंबाला पहाड़ों पर होने वाली बरसात का सीधा असर महज 7 घंटे में टांगर
जागरण संवाददाता, अंबाला :
पहाड़ों पर होने वाली बरसात का सीधा असर महज 7 घंटे में टांगरी नदी और बंधे के बीच बसी आबादी पर
पड़ता है। अंबाला के एक छोर पर बरनाला के रास्ते पहाड़ों से बरसात का पानी सीधे टांगरी नदी में पहुंचता है। नदी और बंधे के बीच कोख में बसी आबादी पर इसका सीधा असर पड़ता है। नदी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी की संभावना को देखते हुए प्रशासनिक अमला मुनादी कराकर इन सभी 2 हजार से अधिक आलीशान कोठियों और भवन को अवैध करार देते हुए लोगों को अपना आशियाना खाली कर सुरक्षित स्थान पर शरण लेने की अपील की जाती है। नदी की जड़ में विकसित हो चुकी कालोनियों के लिए सिचाई विभाग अथवा प्रशासनिक अमले को जिम्मेदार मानते हैं। नवागत जिला योजनाकार नरेश कुमार ने कहा कि अगर कोइ अवैध कालोनी अथवा सरकारी जमीन पर निर्माण हो रहा है तो उसे जमींदोज करने में जरा भी देर नहीं लगाई जाएगी।
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पहले दिन 98 हजार क्यूसेक पानी आया
पहाड़ी क्षेत्र में मानसून की बरसात से एकत्र 98 हजार क्यूसेक पानी एक साथ टांगरी नदी में पहुंचा। करीब एक साल से ड्राइ टांगरी नदी में अचानक पानी आने से प्रशासनिक अमले के सांस फूल गए। अगर यह बरसात पहाड़ों पर लगातार दो दिनों तक हो जाती तो टांगरी नदी की जड़ में बसी आबादी को बड़ा खतरा हो सकता था।
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कल जलस्तर बढ़ने की उम्मीद
मौसम विभाग ने पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में बरसात को लेकर अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक बुधवार को पहाड़ों में अच्छी बरसात होने की उम्मीद की जा रही है। अगर मौसम विभाग का पूर्वानुमान सही निकला तो टांगरी नदी के जल स्तर पर बढ़ोत्तरी तय है और नदी के किनारे बंधे तक पानी आना तय है।
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नदी और बंधे की जड़ में बने धार्मिक स्थल
महेशनगर के किनारे टांगरी बंधे और नदी की जड़ में छह धार्मिक स्थल भी बन चुके हैं। इसमें मंदिर से लेकर सतसंग भवन से लेकर अन्य शामिल है। धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं पहुंचकर पूजा अर्चना करते।
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बिजली से लेकर पानी के दे दिए कनेक्शन
टांगरी की जड़ में बसी आबादी आधुनिक सुख सुविधाओं का उपभोग कर रही है। आलीशान कोठियों से लेकर मकान में बिजली से लेकर पानी के कनेक्शन भी दे दिए गए। अब अवैध रूप से बसी इस आबादी को बिजली और पानी के कनेक्शन दिए जाने पर कोई भी जिम्मेदार बोलने को तैयार नहीं है।
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चुनावों में करते हैं मताधिकार का प्रयोग
बंधे व नदी के बीच बसी आबादी में 18 साल से अधिक आयु वाले लोकसभा से लेकर विधानसभा के चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं। यहां रहने वालों ने कहा कि जब चुनावों में हमारे वोट लेने की बात आती है तो प्रत्याशी तरह तरह की वायदे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई मुड़कर नहीं आता।