कॉलोनाइजरों पर डीटीपी ने कसा शिकंजा, झांसे से बचाने के लिए लगवाए बोर्ड
घर का सपना संजोये लोग अवैध कॉलोनियों में अपनी जिदगी की कमाई न फंसाएं इसके लिए जागरूक करना शुरू कर दिया गया है।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर
कॉलोनाइजरों पर जिला योजनाकार की ओर से शिकंजा कसना शुरू हो गया है। घर का सपना संजोये लोग अवैध कॉलोनियों में अपनी जिदगी की कमाई न फंसाएं, इसके लिए जागरूक करना शुरू कर दिया गया है। इसी सिलसिले में अवैध कॉलोनियों में बोर्ड लगवाए जा रहे हैं ताकि कोई खरीददार प्रोपर्टी डीलरों के झांसे में न आए। इतना ही नहीं यदि कोई डीलर इन बोर्डों को क्षति पहुंचाएगा तो उसके खिलाफ एफआइआर भी दर्ज की जा सकती है।
बता दें कि लोगों को जागरूक करने के लिये शहर, छावनी, नारायणगढ़, साहा, मुलाना में अवैध कॉलोनियों में बोर्ड लगाए जा रहे हैं। इस अभियान के तहत अब तक करीबन 50 कालोनियों में लगा भी दिये गये हैं और बाकी में काम चल रहा है। अवैध कॉलोनी में मकान बनाने पर तोड़ फोड़ होती है और इससे लोगों को नुकसान झेलना पड़ता है। इसके बाद एक दूसरे की शिकायतों का सिलसिला चलता है। अवैध कालोनी काट दी जाती है, लेकिन इसमें लोगों की खून पसीने की कमाई होती है। कुछ दिन पहले डीसी की मीटिग हुई, जिसमें यह मुद्दा भी आया था। दो कनाल से कम की नहीं होगी रजिस्ट्री
अवैध कॉलोनियों पर अंकुश लगाने के लिये कुछ दिन पहले ही दिशा निर्देश जारी हुए हैं, जिसमें दो कनाल से कम जमीन की रजिस्ट्री नहीं होगी। इसके साथ ही डीटीपी की एनओसी के बिना भी रजिस्ट्री नहीं होगी। लोग एग्रीकल्चर लैंड पर ही कॉलोनियां काट रहे हैं। विभाग की ओर से एक पत्र सभी तहसीलदार को भेजा गया है जिसमें कहा गया है कि रजिस्ट्री की चौथी कॉपी डीटीपी विभाग को भी भेजी जाए ताकि अवैध कॉलोनी में एक्ट की अवहेलना न हो सके। 30 कॉलोनियों पर चला पीला पंजा
साल 2019 की बात करें तो डीटीपी विभाग की ओर से 30 अवैध कॉलोनियों को नोटिस दिए गए हैं, जहां तोड़फोड़ भी की गई है। पांच मामलों में एफआइआर भी करवायी गई है। इन कालोनियों में बोर्ड लगा दिए गए हैं। बिना अनुमति कॉलोनी काटना गैरकानूनी
डीटीपी विभाग की ओर से सख्त निर्देश हैं कि सभी शहरों, कस्बों में हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा अधिनियम 1975 की धाराएं लागू हैं। इसमें विभाग की अनुमति लिये बिना कोई भी कालोनी विकसित करना गैरकानूनी जुर्म है। अधिनियम की उल्लंघना करने वालों को खिलाफ पुलिस विभाग में एफआइआर दर्ज कराने का प्रावधान है। जिसमें संबंधित अदालत के अनुसार दोषी को तीन साल की कैद और जुर्माना दोनों हो सकते हैं। कॉलोनाइजरों या प्रोपर्टी डीलरों के बहकावे में आकर अवैध कालोनियों में खून पसीने की कमाई से कोई प्लाट या निर्माण न करें। किसी भी अवैध कॉलोनी में बनाई गई सड़क, सीवरेज, बिजली व अन्य निर्माण को नियमानुसार तोड़ा जा सकता है।
- पुनीत पंडित, डीटीपी विभाग लोग कॉलोनाइजरों के झांसे में न आएं, इसके लिए अवैध कॉलोनियों में बोर्ड लगाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा लोगों को जागरूक करने के लिए एक माह में चार-पांच कार्यक्रम करवाते भी हैं।
- रोहित चौहान, जिला योजनाकार अधिकारी