घोषणा के सवा दो साल बाद भी घरेलू एयरपोर्ट नहीं बना, रक्षा मंत्री से मिले विज
अंबाला छावनी घरेलू (डोमेस्टिक) एयरपोर्ट सवा दो साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी बनना तो दूर इसके लिए जगह भी तय नहीं हो पाई है।
जागरण संवाददाता, अंबाला : अंबाला छावनी घरेलू (डोमेस्टिक) एयरपोर्ट सवा दो साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी बनना तो दूर इसके लिए जगह भी तय नहीं हो पाई है। अंबाला छावनी एयरफोर्स में राफेल की तैनाती होने के कारण अब यहां पर तीन स्क्वाड्रन हो चुकी हैं। एयरफोर्स का रनवे तो है, लेकिन अब यह अतिसंवेदनशील की श्रेणी में होने के कारण डोमेस्टिक एयरपोर्ट के लिए अलग से रनवे की तलाश की जा रही है। इसी के लिए प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। डोमेस्टिक एयरपोर्ट बनाने की मंजूरी तो मिल चुकी है और यहां से लखनऊ और श्रीनगर के लिए फ्लाइट शुरू की जाएगी।
एयरफोर्स, आर्मी और जिला प्रशासन के बीच कई बार बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन समाधान नहीं हो पाया। विज ने रक्षा मंत्री से मिलकर एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाने की मांग की, जिसमें आर्मी, राज्य स्तर के सीनियर अधिकारी शामिल हों, ताकि इसका समाधान किया जा सके। विज ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने सैद्धांतिक रूप से इसकी मंजूरी दी थी। एयरफोर्स स्टेशन की जो पट्टी है उसी को इस्तेमाल किया जाए। मौजूदा समय एयरफोर्स डिफेंस की लैंड पर बना है और डोमेस्टिक एयरपोर्ट भी डिफेंस की जमीन पर बनाया जा सकता है। इसलिए डिफेंस की जमीन चाहिए और एयरफोर्स से कनेक्टिविटी के लिए रास्ता चाहिए।
---------- कई गांवों की जमीन का हो चुका है सर्वे
केंद्र सरकार ने देश के अलग-अलग राज्यों में कुल 19 नए डोमेस्टिक एयरपोर्ट बनाने की घोषणा की थी। इस सूची में हरियाणा से अंबाला का नाम आया था। केंद्र सरकार के सिविल एविएशन विभाग ने उड़ान योजना के तहत सर्वे किया था। इस सर्वे की रिपोर्ट में एयरफोर्स स्टेशन के साथ लगती बरनाला गांव की जमीन को हवाई पट्टी के लिए चिन्हित किया गया था। इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ेता, जिसके कारण अंबाला स्थित एयरफोर्स स्टेशन के अंदर से ही डोमेस्टिक फ्लाइट उड़ाने का फैसला किया गया है। अंबाला से लखनऊ और जम्मू के लिए उड़ान तय की गई थी।
------------ इस तरह होगा फायदा
अंबाला कैंट में डोमेस्टिक एयरपोर्ट बनने के बाद अंबाला और आसपास के लोगों को दिल्ली और चंडीगढ़ जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हरियाणा ही नहीं बल्कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश के अलावा सेना को भी इसका काफी फायदा मिलेगा। अंबाला छावनी साइंस इंडस्ट्री का बहुत बड़ा हब है, जहां से व्यापारी पूरे देश में साइंस का सामान सप्लाई करते हैं। ऐसे मे एयरपोर्ट बनने से उन व्यापारियों को तो फायदा मिलेगा ही साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
------------- डीसी भी कर चुके हैं तीन गांवों का दौरा
डीसी ने भी डोमेस्टिक एयरपोर्ट के लिए तीन गांवों का दौरा किया था। इनमें गांव गरनाला, बरनाला, धनकौर सहित डेयरी फार्म की जमीन का निरीक्षण हुआ था। इस दौरान इन गांवों के सरंपच भी मौजूद रहे। इस दौरान कहा गया था कि यदि कोई किसान स्वेच्छा से जमीन देना चाहता है, तो वह कलेक्टर रेट पर खरीदा जाएगा।