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एसिड अटैक की घटनाओं से नहीं चेती सरकार

प्रदेश में महिलाओं पर यौन अत्याचार और एसिड अटैक जैसी गंभीर घटनाओं से भी राज्य सरकार ने सबक नहीं लिया। आलम यह है कि हरियाणा में आज तक संयुक्त पंजाब की 1966 वाली नियमावली ही लागू है। जिस पर मात्र 19 प्रकार की विषैले वर्णित है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 1

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Oct 2018 01:31 AM (IST)Updated: Tue, 09 Oct 2018 01:31 AM (IST)
एसिड अटैक की घटनाओं से नहीं चेती सरकार
एसिड अटैक की घटनाओं से नहीं चेती सरकार

दीपक बहल, अंबाला :

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प्रदेश में महिलाओं पर यौन अत्याचार और एसिड अटैक जैसी गंभीर घटनाओं से भी राज्य सरकार ने सबक नहीं लिया। आलम यह है कि हरियाणा में आज तक संयुक्त पंजाब की 1966 वाली नियमावली ही लागू है। जिस पर मात्र 19 प्रकार की विषैले वर्णित है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 18 जुलाई 2013 को सभी राज्यों को एसिड तेजाब की काउंटर पर खुली बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था और प्रतिबंध लगाने के साथ अलग से दिशा निर्देश जारी किए थे। इसके बावजूद हरियाण सरकार ने अपनी नियमावली अलग से लागू नहीं की, जबकि 2015 में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने निकोटिन नामक पदार्थ को भी 1966 वाली नियमावली में 20वें स्थान पर शामिल करने के आदेश दिए थे। 15 अक्टूबर 2015 को एक अधिसूचना जारी कर निकोटिन पदार्थ को नियमावली में जोड़ लिया गया था। अंबाला में अब जब महिला पर तेजाब फेंका तो पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को ट्वीट कर प्रदेश में अपने नियम बनाने की मांग की है।

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लक्ष्मी बनाम केंद्र सरकार पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया था अपना फैसला

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक तेजाब की काउंटर पर खुली बिक्री पर प्रतिबंध है। दुकानदार को इस संबंध में लॉग रजिस्टर लगाना होगा। इसमें खरीददार की आइडी, उसका पहचान पत्र, पता और बेचे गए एसिड की मात्रा और खरीदने का उदेश्य लिखा जाएगा। 18 साल से कम आयु वाला एसिड नहीं बेच सकता। एसिड बिक्री पर स्टॉक मेनटेंन करना होगा। इसे एसडीएम के समक्ष घोषित करना होगा। ऐसा न करने पर 50 हजार रुपये तक जुर्माना लग सकता है।

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शिक्षण संस्थानों, रिसर्च, लैबोटरी, अस्पतालों, सरकारी विभागों एंव अन्य संगठनों जहां एसिड का इस्तेमाल किया जाता है वहां भी दिए थे निर्देश। इसकी जिम्मेदारी एसडीएम की थी। राज्य के मुख्यसचिव को आदेश जारी किए थे कि इन आदेशों का प्रचार किया जाएगा ताकि इनकी कड़ी पालना हो सके।

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-प्रदेश में मात्र 20, जबकि पंजाब में 100 से अधिक नशीले पदार्थों का प्रतिबंध

एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2014 में पंजाब, हिमाचल और उत्तर प्रदेश ने अपनी नियमावली लागू कर दी थी। हरियाणा में जहां 20 नशीले पदार्थों पर पाबंदी है, जबकि पंजाब में 104 से अधिक वर्जित कर रखे हैं।हेमंत के मुताबिक हरियाणा राज्य बनने के बाद नियमावली लागू नहीं हुई, जबकि पंजाब में अपनी नियमावली लागू कर दी है।

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