गुरु तेग बहादुर की शहीदी पर नगर कीर्तन में उमड़े श्रद्धालु
जागरण संवाददाता अंबाला वीरवार को अंबाला कैंट में गुरु तेग बहादुर के शहीदी को लेकर
जागरण संवाददाता, अंबाला
वीरवार को अंबाला कैंट में गुरु तेग बहादुर के शहीदी को लेकर नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। इसकी अगुवाई पंज प्यारों ने की, जबकि यह आयोजन गुरु ग्रंथ साहिब की छत्र छाया में किया गया। यह नगर कीर्तन क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से होकर निकला। यह नगर कीर्तन अंबाला कैंट की राय मार्केट, सदर बाजार, निकलसन रोड आदि से होकर निकला। जगह-जगह श्रद्धालुओं ने नगर कीर्तन का स्वागत किया। इस दौरान रागी जत्थों ने शबद कीर्तन किया। उल्लेखनीय है कि साल 1675 में गुरुतेग बहादुर को दिल्ली के चांदनी चौक में शहीद किया गया था। नगर कीर्तन में काफी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए, जिन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष माथा टेका और आशीर्वाद लिया। इस दौरान गतका दल के सदस्यों ने रण कौशल का भी प्रदर्शन किया।
------------------------नगर कीर्तन का स्वागत
नगर कीर्तन का स्वागत इनेलो प्रदेश प्रवक्ता ओंकार सिंह ने किया। उन्होंने बताया कि प्रेम, त्याग और बलिदान का पाठ पढ़ाने वाले 1621 में अमृतसर में जन्मे गुरु तेग बहादुर जी ने 1675 में सम्राट औरंगजेब द्वारा जबरन कश्मीरी पंडितों को मुस्लिम बनाने के विरोध में और मुस्लिम धर्म स्वीकार न करने के कारण, हिन्दू धर्म की रक्षा हेतु दिल्ली के चांदनी चोंक में अपना शीश कटवा कर शहादत का जाम पिया था। औरंगजेब की धर्म विरोधी और वैचारिक आजादी का दमन करने वाली नीतियों के खिलाफ गुरुजी का बलिदान एक अभूतपूर्व व ऐतिहासिक घटना थी और उनके धार्मिक अडिगता और नैतिक उदारता का सबसे अच्छा उदाहरण था। गुरुजी मानवीय धर्म और वैचारिक स्वतंत्रता के लिए अपनी महान शहादत देने वाले एक ऐसे क्रांतिकारी युग के पुरुष थे।