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मौत और ¨जदगी से जंग : एक आंख हमेशा के लिए बंद, अब दूसरी भी होने लगी सफेद

चंडीगढ़ के सेक्टर 32 अस्पताल में मौत और ¨जदगी से कविता अनेजा की जंग जारी है, लेकिन तेजाब पीड़िता की हिम्मत अब जवाब देने लगी है। एक आंख से अब कविता कभी नहीं देख सकेगी, जबकि दूसरी आंख पर भी अब संकट मंडरा गया है। यह आंख भी सफेद होने लगी है। डॉक्टर इसे बचाने के भरसक प्रयास में जुटे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 01:32 AM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 01:32 AM (IST)
मौत और ¨जदगी से जंग : एक आंख हमेशा के लिए बंद, अब दूसरी भी होने लगी सफेद

उमेश भार्गव, अंबाला शहर

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चंडीगढ़ के सेक्टर 32 अस्पताल में मौत और ¨जदगी से कविता अनेजा की जंग जारी है, लेकिन तेजाब पीड़िता की हिम्मत अब जवाब देने लगी है। एक आंख से अब कविता कभी नहीं देख सकेगी, जबकि दूसरी आंख पर भी अब संकट मंडरा गया है। यह आंख भी सफेद होने लगी है। डॉक्टर इसे बचाने के भरसक प्रयास में जुटे हैं। शनिवार को डॉक्टरों की टीम कविता की दूसरी आंख को बचाने के लिए बंद कर दिया। अलबत्ता अब कविता बिल्कुल भी देख नहीं पा रही। इससे पहले कविता ने अपनी दूसरी आंख से नहीं दिखने की बात कही थी। इसके बाद धीरे-धीरे इस आंख से सफेद होना शुरू कर दिया। अलबत्ता इसे बचाने के लिए दवाई डालकर और प्राथमिक उपचार के बाद से बंद किया गया है। अस्पताल में कविता की मां प्रेमलता को दो बार हार्ट अटैक पड़ चुका है। बेटी की यह हालत उससे देखी नहीं जा रही है। अलबत्ता अब पूरी तरह से कविता के परिवार को विपदाओं ने घेर लिया है। ¨जदगी पर खतरा अभी बरकरार, ठीक होगी भी या नहीं कहना मुश्किल

प्रेमलता को शाम 6:50 पर दैनिक जागरण संवाददाता ने जब बताया कि मोती गिरफ्तार हो चुका है, तो उसकी मां की आंखें छलक गई। प्रेमलता बोलीं-उसे अभी तक नहीं पता था कि आरोपित गिरफ्तार हो चुका है। मोती की गिरफ्तारी की बात सुनकर प्रेमलता बोली, अब उसकी गिरफ्तारी से क्या होगा, उसकी बेटी की ¨जदगी तो खराब हो चुकी है। प्रेमलता ने बताया कि वे बेटी की दवा लेने के लिए दुकान पर गई है। दवा लेकर अस्पताल में जाते ही कविता को मोती की गिरफ्तारी की सूचना देंगी। प्रेमलता ने बताया कि डॉक्टर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। उनका कहना है कि कुछ सुधार होने में दो माह भी लग सकते हैं। सुधार हो भी सकता है नहीं भी। क्योंकि अभी भी कविता खतरे से बाहर नहीं है।

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बस लिखकर ही बता पाती अपनी बात

कविता न तो बोल पा रही है, न ही वह देख सकती है। एक आंख तो हमेशा के लिए बंद हो चुकी है, जबकि दूसरी आंख को बचाने के लिए शनिवार को बंद किया गया। लिहाजा अब कविता को जब कुछ कहना होता है, तो वह अपने हाथ से इशारा करती है और कॉपी पर लिखकर बताती है।


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