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मनमानी से बाज नहीं आ रहे शहर के 20 डेयरी संचालक

शहर की डेयरियों को शिफ्ट करने के लिए प्रशासन की ओर से खतौली और कांवली में डेयरी कॉम्प्लेक्स के लिए प्लाट काटे गए। इन पर 148 डेयरी संचालकों को कब्जा दिया जाना था पर कब्जा केवल 128 डेयरी संचालकों ने लिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 07:43 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 07:43 AM (IST)
मनमानी से बाज नहीं आ रहे शहर के 20 डेयरी संचालक

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : शहर में संचालित होने वाली डेयरी को दूर शिफ्ट करने की योजना बनाई गई थी। इसके लिए प्रशासन की ओर से खतौली और कांवली में डेयरी कॉम्प्लेक्स के लिए प्लाट काटे गए। इन पर 148 डेयरी संचालकों को कब्जा दिया जाना था, पर कब्जा केवल 128 डेयरी संचालकों ने लिया है। बाकी के 20 डेयरी संचालकों ने मनमानी करते हुए शहर में अपना कारोबार जमाए रखा। इन 20 डेयरी संचालकों पर नकेल कसने के लिए निगम ने पानी और बिजली के कनेक्शन काट दिया। इसके बाद भी जब उन्होंने डेयरी कॉम्प्लेक्स में प्लॉट पर कब्जा नहीं लिया तो नगर निगम की ओर से नोटिस भेजकर अपने कर्तव्य से इतिश्री कर ली गई।

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महज औपचारिकता तक सिमट चुकी डेयरी शिफ्टिग का फायदा उठाते हुए लगातार अवैध डेयरियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। निगम सूत्रों के अनुसार सरकार की मंशा के अनुरूप अकेले अंबाला शहर के 148 डेयरी संचालकों को गांव में शिफ्ट करने की योजना बनाई गई। इसके लिए प्रशासन ने खतौली और कावली में डेयरी के लिए प्लॉट का आवंटन किया गया। प्लाट का आवंटन होने के बाद निर्धारित समय में डेयरी को शिफ्ट करने की कवायद हुई। सरकार और प्रशासन के नियम को दरकिनार करते हुए 20 ऐसे डेयरी संचालक हैं जो मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। शहर में लगातार बढ़ रही डेयरी की संख्या

नगर निगम अंबाला शहर परिक्षेत्र के रिहायशी इलाकों में डेयरी की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इन डेयरियों से रोजाना निकलने वाला कचरा निगम की नालियों को जाम कर रहा है। इसका नजीता यह है कि नालियां जाम होने से गंदा पानी सड़क पर बहने लगता है। यह समस्या उन वार्ड अथवा मोहल्ले में अधिक होती है जहां अवैध रूप से डेयरियां चल रही हैं। वर्जन

मामले की जांच कराई जाएगी। नियम तोड़ने वाले डेयरी संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जांच में यदि इन डेयरी संचालकों का प्लाट अलॉट मिला तो पहले उन्हें एक बार फिर नोटिस दिया जाएगा, फिर भी वह नहीं माने तो सील करने की कार्रवाई की जाएगी।

- सुशील कुमार, नगर निगम कमिश्नर


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