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सदौपुर में सौ वर्ग गज के प्लॉटों पर संकट, निगम ने की पैमाइश

सदौपुर में सौ वर्ग गज के प्लॉटों पर संकट खड़ा हो गया है। क्योंकि उक्त जमीन पर नगर निगम ने पैमाइश कर दी है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में जब पंचायत थी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 08:20 AM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 08:20 AM (IST)
सदौपुर में सौ वर्ग गज के प्लॉटों पर संकट, निगम ने की पैमाइश

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : सदौपुर में सौ वर्ग गज के प्लॉटों पर संकट खड़ा हो गया है। क्योंकि उक्त जमीन पर नगर निगम ने पैमाइश कर दी है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में जब पंचायत थी, तो उस दौरान पंचायत ने उन्हें सौ-सौ वर्ग गज के प्लाट दिए थे, लेकिन इसी दौरान कुछ ग्रामीणों में विवाद हो गया था और मामला कोर्ट में विचाराधीन हो गया था। इस कारण किस ग्रामीण के हिस्से कौन सी जगह आयी यह तय नहीं हो पाया। अब नगर निगम ने जमीन पर अपना दावा जता दिया है।

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सदौपुर गांव में पंचायत की करीबन 29 एकड़ जमीन थी। जिस पर 8 अप्रैल 2008 को प्रस्ताव डाला गया था। इसके बाद जरूरतमंद ग्रामीणों को सौ वर्ग गज के प्लाट अलाट किये गये थे, लेकिन बाद में जमीन को लेकर गांव में विवाद हो गया। इस कारण ग्रामीणों को सौ वर्ग गज के प्लॉट का मामला अटक गया। कई साल तक मामला अदालत में विचाराधीन हो गया। मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंचा। करीबन एक साल पहले मामले का निपटारा हुआ। सदौपुर के ग्रामीण विजय कुमार, रामकर्ण, गुरविद्र सिंह, जगीरा राम, रमेश कुमार, राजकुमार, कृष्णलाल, जीतराम, दलीप कुमार, संतोष, राकेश, गुरजीत कौर, पवन कुमार, स्वर्ण देवी, कर्मजीत कौर आदि ने बताया कि उन्हें पंचायत की ओर से शामलात जमीन में प्लॉट दिए गए थे, परंतु अब नगर निगम उस जमीन पर निशानदेही करा रहा है।

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डीसी को दी शिकायत

ग्रामीणों ने डीसी को दी शिकायत में बताया कि पंचायत की ओर से उन्हें आवंटन पत्र की प्रतियां दी गई थीं। उनके पास पीले-गुलाबी राशन कार्ड के कारण सौ वर्ग गज के प्लॉट दिये थे। इसके साथ ग्रामीणों ने मांग करते हुये कहा कि उन्हें श्मशान के लिए भी जमीन उपलब्ध कराई जाए।

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2010 में बन गया था नगर निगम

2010 से पहले सदौपुर गांव में पंचायत ही निर्णय लेती थी। लेकिन इसके बाद अक्टूबर, 2010 में पंचायत को खत्म करते हुए नगर निगम में शामिल कर लिया गया था। इस कारण पंचायत की जमीन पर नगर निगम का अधिकार हो गया था। जैसे की जमीन के विवाद का कोर्ट से निपटारा हुआ तो नगर निगम ने उक्त जमीन की निशानदेही करा दी।

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वर्जन

उनके पास सौ वर्ग गज के प्लाट का कोई रिकॉर्ड नहीं, न कोई एप्लीकेशन आयी कि उन्हें अलॉट किए हुए हैं। निगम की जमीन है उस पर अतिक्रमण किया हुआ है। उस जमीन की डिमार्केशन की जाएगी। करीबन 29 एकड़ कुल जमीन है, निशानदेही हो चुकी है, लेकिन अभी रिपोर्ट आनी बाकी है। पंचायत कोर्ट में केस हार चुकी है। अब निगम नोटिस देकर जमीन से अतिक्रमण हटाएगी।

भीम सिंह, बिल्डिग इंस्पेक्टर, नगर निगम।


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