एंकर.. 160 साल पुरानी परंपरा पर कोरोना काल की छाया
छावनी के बजाजा बाजार में 160 साल से प्रत्येक शारदीय नवरात्र में लगातार 10 दिनों तक कलाकार रामलीला का मंचन करते हैं। रामलीला का आयोजन कराने वाली श्री रामलीला कमेटी बजाजा बाजार कैंट के सदस्यों में कोरोना काल में वह उत्साह नहीं है जो पहले होता था।
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के बजाजा बाजार में 160 साल से प्रत्येक शारदीय नवरात्र में लगातार 10 दिनों तक कलाकार रामलीला का मंचन करते हैं। रामलीला का आयोजन कराने वाली श्री रामलीला कमेटी बजाजा बाजार कैंट के सदस्यों में कोरोना काल में वह उत्साह नहीं है जो पहले होता था। रामलीला का मंचन करने वाले कलाकार एक महीने पहले से अभ्यास में जुट जाते थे। इस बार तो मंचन करने वाले कलाकारों के साथ-साथ कमेटी के पदाधिकारी भी कोरोना काल में प्रशासनिक अनुमति मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
कमेटी के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर सरकार और प्रशासन की अनुमति मिली तभी वह रामलीला का मंचन करेंगे। रामलीला कमेटी के सदस्यों का कहना है कि इस बार रंगमंच पर सन्नाटा पसरा है। न तो रावण का अट्टहास सुनाई देता है और न ही हनुमान का विराट स्वरूप दिख रहा है। पिछले वर्ष तो अब तक अभ्यास चल रहा होता था।
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कमेटी बनने के बाद से अब तक इतिहास में पहली बार ऐसा समय आया है कि रामलीला का मंचन करने वाले कलाकारों से लेकर कमेटी के सदस्य तक असमंजस में हैं। अगर प्रशासन ने रामलीला कराने की अनुमति दी तो कार्यक्रम कराए जाएंगे।
त्रिलोक चंद्र अग्रवाल, प्रधान।
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लगातार दस दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम को लेकर आसपास के क्षेत्र में काफी उत्साह रहता है। कमेटी के सदस्य रामलीला को लेकर रूपरेखा तय करते हैं। ऐसे में अगर प्रशासन ने हमें रामलीला कराने की अनुमति दी तो ही मंचन करेंगे।
कैलाश चंद्र धीर, सचिव।
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कमेटी के सदस्य प्रत्येक वर्ष रामलीला के कार्यक्रम को लेकर अब तक तैयारियां शुरू कर देते थे। इस बार पहला ऐसा मौका है कि कलाकार अभ्यास करने की जगह यह पूछ रहे हैं कि रामलीला होगी या नहीं।
संजीव जिदल, महासचिव।
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कमेटी के पदाधिकारियों और सदस्यों से लगातार संवाद बनाया जा रहा है। अगर प्रशासनिक अनुमति मिल जाती है तो इस बार भी लगातार दस दिनों तक रामलीला का आयोजन होगा।
सतपाल ढींगरा, सदस्य।