सुपरसोनिक राफेल के लिए तैयार हो रहा अंबाला, बुनियादी ढांचे के लिए 73 करोड़ का टेंडर
सुपरसोनिक लड़ाकू विमान राफेल अगले साल अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान भरने लगेगा। इस पर सवा सौ करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है,
अंबाला [दीपक बहल]। सुपरसोनिक लड़ाकू विमान राफेल अगले साल अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान भरने लगेगा। इस संबंध में बुनियादी ढांचे के लिए पहले चरण में रखरखाव और अपग्रेडेशन का काम आरंभ कर दिया गया है। इस पर सवा सौ करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है, इसमें 73 करोड़ के टेंडर आगरा की एक कंपनी को इसी सप्ताह अलॉट किया जा चुका है। अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर 18 और पश्चिम बंगाल के हासीयारा में भी 18 लड़ाकू विमान उड़ान भर सकेंगे।
अंबाला एयरबेस रणनीतिक लिहाज से काफी अहम है। वर्ष 1919 में स्थापित एयरफोर्स स्टेशन पाकिस्तानी सीमा से करीब 220 किलोमीटर दूर है। यहां अभी दो स्क्वाड्रन तैनात हैं। पहला जगुआर कॉम्बैट और दूसरी मिग-21 बाइसन। मिग-21 कुछ ही वर्षों में बेड़े से बाहर हो जाएंगे। ऐसे में राफेल महत्वपूर्ण हो जाता है। इसकी तैनाती से पाकिस्तान पर भारत की रणनीतिक बढ़त रहेगी।
सूत्र बताते हैं कि राफेल बेड़े के लिए वर्तमान बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल तो होगा ही, उसे विस्तार भी दिया जाएगा। कम से कम 14 नए शेल्टर, हैंगरं, संचालन स्थल, एक डी ब्रीफिंग कक्ष व सिमुलेटर प्रशिक्षण का निर्माण जल्द शुरू हो जाएगा। इसे अपग्रेड किया जा रहा है। फ्रांस की टीम अंबाला एयरफोर्स स्टेशन की प्राथमिक जांच कर चुकी है।
एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है राफेल
फ्रांस और भारत के बीच समझौते के मुताबिक भारत को 36 राफेल विमान दिए जाने हैं। इनमें 18 अंबाला और 18 हासीमारा एयरबेस पर रखे जाएंगे। पश्चिम बंगाल में स्थित हासीयारा एयरबेस चीन और भूटान सीमा के करीब है। दो इंजनों वाले इस लड़ाकू विमान में दो पायलट बैठ सकते हैं। ऊंचे इलाकों में लडऩे में दक्ष यह विमान एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है।
राफेल की खासियत
- भार ढोने की क्षमता 24500 किग्रा।
- ईंधन क्षमता 4700 किग्रा
- अधिकतम रफ्तार 2200 से 2500 किमी प्रतिघंटा
- मारक क्षमता 3700 किमी
- 1.30 एमएम की गन से एक बार में 125 राउंड गोलियां निकलती हैं
- 30 एमएम की तोप से 2500 राउंड गोले दागने की क्षमता
- 300 किमी की रेंज से हवा से जमीन पर हमला करने में सक्षम
- 9.3 टन वजन के साथ 1650 किलोमीटर तक उड़ान भरने की क्षमता
- 14 हार्ड प्वाइंट के जरिये भारी हथियार भी गिराने की क्षमता
- घातक एमबीडीए एमआइसीए, एमबीडीए मेटेओर, एमबीडीए अपाचे, स्टोर्म शैडो एससीएएलपी मिसाइलों से लैस
- थाले आरबीई-2 रडार और थाले स्पेक्ट्रा वारफेयर सिस्टम के साथ ऑप्ट्रॉनिक सेक्योर फ्रंटल इंफ्रा-रेड सर्च और ट्रैक सिस्टम से लैस
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राफेल विमान का इतिहास
1970 में फ्रांसीसी सेना ने चार यूरोपीय देशों के साथ मिलकर इसे तैयार किया। इसका उपयोग जमीन से हवा और हवा से हवा में अपने लक्ष्य पर निशाना साध सकता है।
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