मिलावटखोरी : मिलावटी मावे की खेप रोकना मुश्किल, सैंपलिग पर दारोमदार
मिलावटी मावे की खेप को अंबाला में आने से रोकना मुश्किल है जबकि सारा दारोमदार मात्र सैंपलिग पर ही टिका है। दूसरी ओर एक अधिकारी के जिम्मे दो जिले हैं जिसके कारण त्योहारी सीजन में मिलावटखोरी रोकना मुश्किल साबित हो रहा है। बीते डेढ़ साल के आंकड़े बता रहे हैं कि सैंपलिग का काम काफी धीमा रहा है।
जागरण संवाददाता, अंबाला : मिलावटी मावे की खेप को अंबाला में आने से रोकना मुश्किल है, जबकि सारा दारोमदार मात्र सैंपलिग पर ही टिका है। दूसरी ओर एक अधिकारी के जिम्मे दो जिले हैं, जिसके कारण त्योहारी सीजन में मिलावटखोरी रोकना मुश्किल साबित हो रहा है। बीते डेढ़ साल के आंकड़े बता रहे हैं कि सैंपलिग का काम काफी धीमा रहा है। डेढ़ साल में 280 के करीब सैंपलिग हुई है, जबकि त्योहारी सीजन में जिला भर में पूरी तरह से सैंपलिग करना मुश्किल हो रहा है। दूसरी ओर नियम भी ऐसे हैं कि सैंपलिग के मामले में तुरंत एक्शन नहीं लिया जा सकता, जिससे मिलावटखोर अपनी जड़ें जमाते जा रहे हैं।
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यह है स्थिति
त्योहारी सीजन को लेकर मिलावटखोरी का धंधा तेजी से चल रहा है। आंकड़े बताते हैं कि सबसे ज्यादा मिलावट दूध व इससे बने खाद्य पदार्थों में सामने आई हैं। बीते डेढ़ साल में करीब दो सौ अस्सी सैंपल लिए गए हैं, जिन में से अधिकतर सैंपल दूध या दूध से बने खाद्य पदार्थों के फेल हुए हैं। इन पर भी करीब 57 हजार रुपये जुर्माना किया गया है और ये फिर से अपने काम पर लगे हैं। अंबाला में सभी दुकानों को चैक करना मुश्किल है। जिला अंबाला में ही 400 से अधिक गांव हैं और इससे अलावा शहरी क्षेत्र भी है। सैंकड़ों की संख्या में दुकानों पर चेकिग और सैंपलिग का काम पूरा किया जाना मुश्किल है।
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यह मामले सामने आ चुके हैं
अंबाला में रेल और बस के जरिये मिलावटी मिठाई और खोये की सप्लाई के मामले सामने आ चुके हैं। अंबाला छावनी बस स्टैंड पर पचास से अधिक बैग मिलावटी मावे के पकड़े जा चुके हैं, जबकि रेलवे के जरिये नकली मिल्क केक का मामला भी सामने आया था। हालांकि अब दावा किया जा रहा है कि त्योहारी सीजन के दौरान अलर्ट किया गया है। दूसरी ओर सबसे ज्यादा टारगेट ग्रामीण क्षेत्र हैं, जहां साथ लगते राज्यों से मिलावटखोर बड़ी आसानी से छोटी खेप में यह सामान लाते हैं। इन रास्तों पर चेकिग का कोई बंदोबस्त नहीं है।
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ग्रामीण क्षेत्र टारगेट पर
बताया जाता है कि मिठाई का काम अब आर्डर पर चलने लगा है। विक्रेता भी आर्डर देकर मिठाइयां बनवा रहे हैं। इसी का फायदा मिलावटखोर उठा रहे हैं। सब-स्टैंडर्ड मिठाई की बिक्री तो हो रही है साथ ही मिलावटी मावे का भी इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है। सूत्र बताते हैं कि दूध या दूध से बने उत्पादों की डिमांड ज्यादा है, जबकि उत्पादन कम है। इसी का फायदा मिलावटखोर उठा रहे हैं।
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बस स्टैंड पर अलर्ट किया गया है कि कोई भी सामान बिना बुकिग के नहीं जाएगा। यदि संदिग्ध है, तो उसे रोक कर संबंधित विभाग को सूचित करेंगे।
- रामरतन शर्मा, अड्डा इंचार्ज अंबाला छावनी
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चेकिग को लेकर पूरी तरह से सतर्क हैं। सैंपलिग भी तेज की गई है। नियमों के तहत कार्रवाई की जाती है। जहां पर भी दूषित जगह पर मिठाई बनती पाई जाती है, तो उसे तुरंत नष्ट कराया जाता है।
- सुभाष चंद्र, जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी