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134ए पर अभिभावकों और स्कूल संचालकों में टकराव, डीईओ कार्यालय का गेट बंद कर किया घेराव

शिक्षा नियमावली 134 ए के तहत पेपर पास करने वाले अपने बचों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिले नहीं मिलने से खफा अभिभावकों व स्कूल संचालकों में बुधवार को सीधे टकराव हो गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 May 2019 09:30 AM (IST)Updated: Thu, 09 May 2019 09:30 AM (IST)
134ए पर अभिभावकों और स्कूल संचालकों में टकराव, डीईओ कार्यालय का गेट बंद कर किया घेराव
134ए पर अभिभावकों और स्कूल संचालकों में टकराव, डीईओ कार्यालय का गेट बंद कर किया घेराव

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : शिक्षा नियमावली 134 ए के तहत पेपर पास करने वाले अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिले नहीं मिलने से खफा अभिभावकों व स्कूल संचालकों में बुधवार को सीधे टकराव हो गया। स्कूल संचालक उन नोटिस का जवाब देने डीईओ कार्यालय पहुंचे थे जो बच्चों को दाखिले नहीं देने पर उन्हें जारी हुए थे। इसी बीच अभिभावक भी यहां पहुंच गए। इन अभिभावकों ने दूसरे अभिभावकों को सूचित किया और डीईओ कार्यालय की घेरेबंदी कर दी। हालात ऐसे उपजे कि अभिभावकों ने डीईओ कार्यालय के निकासी के सारे गेट बंद कर स्कूल संचालकों को अंदर बंधक बना नारेबाजी शुरू कर दी। हालात बिगड़ता देख शहर थाना प्रभारी अजीत सिंह ने महिला एवं पुरुष पुलिस बल की एक टुकड़ी के साथ मोर्चा संभाला। इसी बीच नायब तहसीलदार पूनम सौलंकी भी मौके पर पहुंची व अभिभावकों की पीड़ा पूछी। इसी बीच कई स्कूल संचालक दीवार फांद गए तो शेष बचे को एसएचओ अजीत सिंह ने गेट से बाहर निकलवाया। इसके बावजूद देर शाम तक अभिभावक डीईओ कार्यालय पर डेरा डाले रहे। छावनी से भी अभिभावक मौके पर आ डटे थे।

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अभिभावकों का कहना था कि उनके बच्चों ने 134 ए की परीक्षा पास कर ली लेकिन दाखिलों के लिए उनकी जूतियां घिस गई। उनके बच्चों के दाखिले नहीं हो पा रहे हैं। जो पहली जिन बच्चों को स्कूल अलाट हो चुके हैं उन्हें भी प्राइवेट स्कूल अंदर नहीं बैठने नहीं दे रहे हैं। एक महिला सोनिया ने डीएवी स्कूल के प्रिसिपल पर पांच हजार रुपये मांगने के आरोप लगाते हुए शपथ पत्र दिया। ऐसे ही आरोप भानोखेड़ी स्थित एक स्कूल पर लगाए गए। अभिभावकों ने डीईओ व अन्य अफसरों के सामने रो रोकर अपनी व्यथा जाहिर की। अभिभावकों ने कहा कि वह परेशान हो चुके हैं कहां जाएं। डीईओ से बोले ऐसे स्कूलों को बंद कराया जाए जो सरकार के आदेश नहीं मानते लेकिन इस पर डीईओ का कहना था इसकी पावर उनके पास नहीं है। हालांकि, अभिभावकों ने डीसी के पास जाने से मना कर दिया। अभिभावकों ने डीईओ को भला बुरा कहने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पुलिस ने आकर हालात संभाले।

प्राइवेट स्कूल संचालकों ने रिफंड नहीं मिलने का रोया रोना

इस मामले में शिक्षा विभाग ने जिन स्कूलों को नोटिस जारी किए थे उनके संचालक डीईओ उमा शर्मा से मिलने पहुंचे तो इन लोगों ने इस हालात के लिए सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया। प्राइवेट स्कूल संचालकों के प्रधान कुलभूषण शर्मा व अन्य ने बताया कि सरकार ने 134 ए के तहत पढ़ाए जाने वाले बच्चों का पिछले सालों का भी भुगतान अभी तक नहीं किया है। उन्हें लिख कर दिया जाए कि कब तक भुगतान कर देंगे तो उन्हें दाखिले देने में कोई एतराज नहीं है। हालांकि, साथ ही कहा कि शिक्षा निदेशालय के नए आदेशों के मुताबिक 17 मई तक दाखिले किए जा सकते हैं तो उन पर तब तक दवाब न बनाया जाए।

डीईईओ पर कार्रवाई की मांग पर अड़े अभिभावक

डीईओ उमा शर्मा ने अभिभावकों को कहा कि 9वीं से 12वीं कक्षा तक के जिन बच्चों को दाखिले में दिक्कत आ रही है वह उन्हें लिख कर दें। हालांकि, दूसरी कक्षा से 8वीं कक्षा तक के लिए वह डीईईओ कार्यालय में जाकर शिकायत दें। इस अभिभावकों ने कहा कि डीईईओ ने उन्हें बुधवार का समय दिया था और बच्चों के दाखिलों के लिए आश्वस्त किया था लेकिन वह सुबह से फोन नहीं उठा रहे। इसके बाद खुद डीईओ उमा शर्मा व नायब तहसीलदार पूनम सौलंकी ने भी फोन मिलाया लेकिन बात नहीं हो सकी। इस पर अभिभावकों ने कहा कि इस अधिकारी पर कार्रवाई करे। उनके लिए तो पुलिस बुला ली लेकिन ऐसे अधिकारियों पर तो कार्रवाई करें। इसके बाद कुछ अभिभावक डीईईओ कार्यालय भी गए लेकिन अधिकारी नहीं मिले। इसके बाद अभिभावक डीईईओ पर कार्रवाई को लेकर अड़े रहे। हालांकि, डीईओ का कहना था कि इसकी शक्तियां डीसी एवं एडीसी के पास हैं वह उन्हें लिखेंगी।

नायब तहसीलदार के आश्वासन पर माने

आखिरकार नायब तहसीलदार पूनम सौलंकी के आश्वासन पर अभिभावक कार्यालय से हटे। जब उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार रात 12 बजे से पोर्टल फिर खुलेगा जिस पर अभिभावक अपने स्कूलों की सूची अपडेट कर सकेंगे। जिसके मुताबिक अलॉटमेंट हो जाएगी और 17 मई तक सभी को स्कूलों में दाखिल कराया जाएगा।

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महिला नूरी ने बताया कि वह मंडोर की रहने वाली है और पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले उसके बेटे को माइंड ट्री स्कूल अलाट हुआ है लेकिन वह दाखिला नहीं दे रहे हैं।

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अभिभावक रोहित शर्मा ने बताया कि उसकी बेटी का पीकेआर जैन वाटिका में नंबर पड़ा है लेकिन स्कूल दाखिला देने में आनाकानी कर रहा है। उन्हें बोल रहे हैं कि सीट नहीं है।

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मानव चौक निवासी रितू ने बताया कि वह 134 में दाखिले को लेकर लगातार भटक रही हैं। उन्हें अभी तक स्कूल अलाट नहीं हुआ है और कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल रहा।

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लक्ष्मी नगर निवासी सुरेखा ने बताया कि उन्हें माइंड ट्री स्कूल अलाट हुआ है लेकिन बच्चे को दाखिला नहीं मिल रहा है। स्कूल कहता है कि लिस्ट नहीं आई वह बहुत परेशान है।

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अहमां निवासी अभिभावक शीशपाल ने बताया कि उनसे स्कूल संचालक जनरेटर का किराया मांगा जा रहा है। वैन का किराया डबल कर दिया है और स्कूल का स्टाफ प्रिसिपल से बात तक नहीं करने देता।

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