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रेल राज्य मंत्री का पीए बनकर वेटिग टिकट करवाता रहा कंफर्म, अब रेड सिग्नल

रेल राज्य मंत्री का पीए बनकर वेटिग टिकट को कंफर्म करवाने का मामला पकड़ में आया है। रेलकर्मी चंदन रेल राज्य मंत्री सचिवालय की पर्ची पर अपने हस्ताक्षर कर खुद को पीए बताता रहा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Sep 2020 06:30 AM (IST)Updated: Sun, 13 Sep 2020 06:30 AM (IST)
रेल राज्य मंत्री का पीए बनकर वेटिग टिकट करवाता रहा कंफर्म, अब रेड सिग्नल
रेल राज्य मंत्री का पीए बनकर वेटिग टिकट करवाता रहा कंफर्म, अब रेड सिग्नल

दीपक बहल, अंबाला

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रेल राज्य मंत्री का पीए बनकर वेटिग टिकट को कंफर्म करवाने का मामला पकड़ में आया है। रेलकर्मी चंदन रेल राज्य मंत्री सचिवालय की पर्ची पर अपने हस्ताक्षर कर खुद को पीए बताता रहा। इस पर्ची पर रेलवे के जोन वेटिग टिकट पर कोटा जारी कर कंफर्म भी करते रहे। कई दिनों तक यह सिलसिला चलता रहा, लेकिन जब पकड़ में आया तो रेल मंत्रालय ने सभी जोन और मंडल को इस बारे में अवगत करा दिया। बताया जाता है कि चंदन किसी रेलवे बोर्ड में कार्यरत था। मामला उजागर होने के बाद उसका अन्यत्र स्थानांतरण कर दिया गया है।

कथित पीए बनकर वेटिग टिकट को कंफर्म करने वाली पर्चियां रेल मंत्रालय ने सभी मंडलों को भेज दी हैं। पर्ची पर चंदन ने मुंबई से गुवाहाटी जाने वाली ट्रेन नंबर 05645 में छह लोगों की कंफर्मेशन के लिए सिफारिश की थी। स्लीपर क्लास में 30 अगस्त 2020 को पीएनआर नंबर 6804776284 पर लोगों ने यात्रा की। चंदन खुद को रेल राज्य मंत्री बताते हुए अपना मोबाइल नंबर और इस पर अति महत्वपूर्ण लिखा था। इसी प्रकार मुजफ्फरपुर से ब्रांदा टर्मिनस तक जाने वाली ट्रेन नंबर 09040 में चार लोगों की 30 अगस्त 2020 को टिकट कंफर्म करने की सिफारिश की थी। मंत्रालय के आदेश मिलते ही सभी मंडलों ने अपने कमर्शियल कंट्रोल और कोटा जारी करने वाले स्टाफ को हिदायत जारी कर दी है।

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इस तरह जारी होता है कोटा

रेलवे में वेटिग टिकट को कंफर्म करने के लिए हाई आफिशियल रिक्वि•ाशिन (एचओआर) जारी किया जाता है। रेलवे में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रेल मंत्री, रेल राज्य मंत्री, सांसद, लोकसभा सदस्य, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, जज, रेलवे अधिकारी आदि को कोटा जारी करने की सिफारिश का अधिकार है। रेलवे की सभी क्लासों में सीट नंबर तक इन वीआइपी के लिए रिजर्व रहते हैं। यदि किसी ट्रेन में कोटे की सिफारिश न आए तो आरक्षण चार्ट बनने के बाद सीट किसी अन्य यात्री को कंफर्म हो जाती है।

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इस तरह जारी होती है पर्ची

वीआइपी सीट बुक करवाने के लिए निर्धारित फार्मेट को भरकर रेलवे को भेजता है। इसमें पीएनआर नंबर, गाड़ी नंबर, क्लास, यात्रा की तिथि, यात्री का नाम और कितने लोग हैं, मोबाइल नंबर और टिकट कंफर्म करने की सिफारिश करने वाले का नाम, पद और मोबाइल नंबर अंकित होता है। इसी पर्ची के आधार पर रेलवे वेटिग टिकट को कंफर्म कर देता है।


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