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अध्यापक को समय पर नहीं मिलता वेतन, फंड के दुरुपयोग का भी लगाया आरोप

छावनी के केंद्रीय विद्यालय-वन में प्राइमरी ¨वग की मुख्य प्राध्यापक डॉ. प्रीति रैना को प्रताड़ित के आरोपों की जांच भले ही अभी आरंभ नहीं हुई लेकिन राजनीति विज्ञान के अध्यापक अशोक कुमार ने भी ¨प्रसिपल के खिलाफ प्रधानमंत्री को लिखित शिकायत कर रखी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Feb 2019 06:20 AM (IST)Updated: Sun, 24 Feb 2019 06:20 AM (IST)
अध्यापक को समय पर नहीं मिलता वेतन, फंड के दुरुपयोग का भी लगाया आरोप
अध्यापक को समय पर नहीं मिलता वेतन, फंड के दुरुपयोग का भी लगाया आरोप

जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के केंद्रीय विद्यालय-वन में प्राइमरी ¨वग की मुख्य प्राध्यापक डॉ. प्रीति रैना को प्रताड़ित के आरोपों की जांच भले ही अभी आरंभ नहीं हुई लेकिन राजनीति विज्ञान के अध्यापक अशोक कुमार ने भी ¨प्रसिपल के खिलाफ प्रधानमंत्री को लिखित शिकायत कर रखी है। स्कूल में विकास कार्यों के लिए आए लाखों रुपये के फंड का दुरुपयोग, वेतन समय पर न मिलने बारे, इंटरव्यू सिलेक्शन पैनल में छेड़छाड़ करने, चरित्र खराब करने, मानसिक रूप से परेशान करने जैसे आरोप लगा रखे हैं। अशोक कुमार ने बताया पिछले 5 साल से केंद्रीय विद्यालय वन में अनुबंध आधार पर कार्यरत है। राजनीति विज्ञान विषय में बच्चों का परिणाम शत-प्रतिशत आने के कारण रीजनल ऑफिस गुरुग्राम की ओर से उन्हें गोल्ड कैटेगरी प्रमाण पत्र भी मिल चुका है। आरोप है वेतन समय पर नहीं मिलता मांगों तो जवाब मिलता है अभी रुपये नहीं है और दोबारा यह बात कहने पर स्कूल से निकालने की धमकी दी जाती है। विद्यालय के चेयरमैन और गुरुग्राम डीसी को भी शिकायत दी थी। पीएम को लिखे पत्र में आरोप लगाया ¨प्रसिपल ने इंटरव्यू पैनल में पहले जो सिलेक्ट किया हुआ था, बाद में पैनल में छेड़छाड़ करके नए उम्मीदवार को नौकरी पर रखा जबकि इस नए उम्मीदवार की शैक्षणिक योग्यता भी काफी कम थी।

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केंद्रीय नीति के फंड में खरीद-फरोख्त का जिक्र

पत्र में लिखा गया है कि करीब 3 महीने में 18 से 20 लाख रुपये केंद्रीय विकास नीति का फंड आता है। सालाना करीब 50 लाख से अधिक ग्रांट आती है जो कि सिर्फ बच्चों के विकास के ऊपर ही खर्च होनी चाहिए। लेकिन इस फंड में भी ¨प्रसिपल काफी गड़बड़ी करती है और अगर इसकी जांच की जाए तो फर्जी बिलों से होने वाली खरीद-फरोख्त व वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा होगा। इतना फंड होने के बावजूद भी स्कूल में कागज, धागे व अन्य जरूरी स्टेशनरी तक का सामान मौजूद नहीं है।

वर्जन

मेरे खिलाफ आज तक किसी ने कोई शिकायत नहीं की है। किसी अज्ञात शिकायत पर मामले की जांच चल रही है। लेकिन मुझ पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह सारे निराधार है। डॉ. प्रीति रैना को भी मैंने केवल बच्चों की परीक्षा के कारण छुट्टी देने से इंकार किया था।

डॉ. भूषण कुमार गोयल, ¨प्रसिपल, केंद्रीय विद्यालय।


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