Move to Jagran APP

ठंड की दस्तक और प्रदूषण ने बिगाड़ी बच्चों की सेहत

नवंबर का आधा महीना बीतने वाला है और ठंड ने दस्तक दे दी है। ठंड के साथ बढ़ते प्रदूषण ने बच्चों की सेहत को बिगाड़ना शुरू कर दिया है। यही कारण है बीमार होकर अस्पताल पहुंच रहे बच्चों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 07:15 AM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 07:15 AM (IST)
ठंड की दस्तक और प्रदूषण ने बिगाड़ी बच्चों की सेहत

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : नवंबर का आधा महीना बीतने वाला है और ठंड ने दस्तक दे दी है। ठंड के साथ बढ़ते प्रदूषण ने बच्चों की सेहत को बिगाड़ना शुरू कर दिया है। यही कारण है बीमार होकर अस्पताल पहुंच रहे बच्चों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पहले जहां रोजाना करीब सौ बच्चे ओपीडी में आते थे, अब यह आंकड़ा बढ़कर डेढ़ सौ हो चुका है। सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार से नवजात और बड़े बच्चे पीड़ित होने लगे हैं। ऐसे में बच्चे के माता-पिता को चाहिए कि वह उनका विशेष ख्याल रखें और सुबह-सायं ठंडक के समय गर्म कपड़े जरूर पहनाएं।

loksabha election banner

अंबाला शहर के नागरिक अस्पताल में रोजाना बीमार होकर पहुंचे वाले बच्चों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस मौसम में बच्चों को सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार के अलाव शरीर में दर्द होने की शिकायत बढती जा रही है। नागरिक अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. ज्योति प्रकाश ने इस मौसम को बच्चों के लिए खतरनाक बताया है। ठंड के इस मौसम और प्रदूषण को देखते हुए डाक्टर ने बच्चों के माता और पिता को काफी सतर्क रहने की सलाह दी है, ताकि उनका बच्चा वायरल की जद में न आए।

--------

फोटो: 7

सर्दी जुकाम होने पर विक्स से बनाएं दूरी

डा. ज्योति प्रकाश ने बताया कि बच्चों के लिए विक्स काफी नुकसान दायक साबित होता है। डाक्टर ने बताया विक्स के इसी नुकसान को देखते हुए कई देश में इसकी बिक्री पर रोक लगी है। ऐसी स्थित में चिकित्सक के परामर्श पर ही बच्चों को दवा पिलाएं अथवा खिलाएं। सर्दी, जुकाम अथवा नाक जाम होने पर बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है और दूध पीना और खाना छोड़ देता है। ऐसे में बच्चों के माता पिता को चाहिए कि वह एक कटोरी पानी उबालकर उसमें एक चुटकी नमक डालकर ठंडा कर लें। इसके बाद उसे पूरे दिन में काम से कम दस बार बीमार बच्चे की नाक में डालें। इससे बच्चे की नाक खुल जाएगी और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होगा। बोतल से दूध न दें माताएं

छह महीने से कम आयु के बच्चों की माताओं को मौजूदा मौसम में खासी सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। डा. ज्योति प्रकाश ने सभी को सलाह दी वह अपने छह महीने से कम आयु वाले बच्चों को बोतल से दूध न दें, क्योंकि बोतल से दूध पीने वाले बच्चों में रोक से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है और मौसम बदलते ही उनका बीमार होना स्वभाविक है।

-----------

तुलसी, अदरक और शहद बनेगा रामबाण

अगर किसी का बच्चा छह महीने से अधिक आयु का है। उसे वायरल ने अपनी जद में लिया है। उसे सर्दी, जुकाम व खासी की समस्या है तो उसे घरेलू विधि से तैयार होने वाली औषधि कारगर साबित होगी। इसके लिए तुलसी, अदरक और शहद का काढ़ा बनाकर पूरे दिन में कम से कम पांच बार दें। इससे 24 घंटे में ही बच्चे की सेहत में सुधार होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.