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छावनी बस अड्डे पर अव्यवस्थाओं का आलम

छावनी बस अड्डा। यहां से दिल्ली पंजाब राजस्थान हिमाचल प्रदेश उत्तर प्रदेश उत्तराखंड जम्मू के लिए बसें चलती है। इसी अड्डे से रोजाना करीब 10 हजार से अधिक यात्री अन्य जगहों के लिए यात्रा करते हैं। लेकिन जब बस अड्डे की व्यवस्थाओं को लेकर रात को हालातों का जायजा लिया गया तो अव्यवस्थाएं ही अव्यवस्थाएं नजर आई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 07:58 AM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 07:58 AM (IST)
छावनी बस अड्डे पर अव्यवस्थाओं का आलम
छावनी बस अड्डे पर अव्यवस्थाओं का आलम

जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी बस अड्डा। यहां से दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू के लिए बसें चलती है। इसी अड्डे से रोजाना करीब 10 हजार से अधिक यात्री अन्य जगहों के लिए यात्रा करते हैं। लेकिन जब बस अड्डे की व्यवस्थाओं को लेकर रात को हालातों का जायजा लिया गया तो अव्यवस्थाएं ही अव्यवस्थाएं नजर आई। अड्डे पर चारों तरफ अंधेरा छाया मिला। काफी यात्री बसों को पकड़ने के लिए काउंटर के सामने बाहर आकर खड़े थे। बरसात का पानी भी खड़ा था। परंतु इस अंधेरे में एक भी पुलिसकर्मी नजर नहीं आया। हां लेकिन अड्डे पर तैनात दो कर्मचारी बार-बार जेबकतरों से सावधान होने की अनाउसमेंट जरूर करते नजर आए। अंधेरे के चलते यात्रियों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी।

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-------------- अड्डे के अंदर भी अंधेरा मिला

बस अड्डे पर बिजली न होने के चलते अंदर भी अंधेरा मिला। हालांकि एक बड़ी चार्जर लाइट लगी हुई थी, लेकिन उसकी रोशनी भी ज्यादा नहीं थी। ऐसे में अंधेरे में ही यात्री बस का इंतजार कर रहे। वहीं रही कसर को बरसात के पानी ने पूरी कर दी। अड्डे में काउंटर और पार्किंग साइड पानी खड़ा था। सबसे ज्यादा पानी बस अड्डे के एंट्री प्वाइंट पर जमा मिला। ऐसे में यात्रियों को आने-जाने में काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी।

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एक भी पुलिसकर्मी नहीं दिखा

छावनी बस अड्डे पर सुरक्षा के इंतजाम भी नहीं मिले। रात को एक भी पुलिस कर्मी दिखाई नहीं दिया। जबकि अड्डे पर आए दिन जेब कटने जैसे वारदातें होती रहती है। जबकि अड्डे पर लाइट न होने के चलते पुलिस की पीसीआर भी होनी चाहिए थी, वो भी दिखाई नहीं दी, जबकि इससे कुछ दूरी पर रेलवे स्टेशन के सामने गाड़ियां खड़ी मिली। इतना ही नहीं अड्डे के बाहर मंडी की तरफ जाने वाले रास्ते पर भी अंधेरा मिला। हालांकि इस दौरान फलों की रेहड़ियां लगी थी, लेकिन स्ट्रीट लाइटें बंदी पड़ी थी, एक भी लाइट जलती नहीं दिखी।


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