Move to Jagran APP

अलविदा 2018: 33 हत्याओं से दहलता रहा दिल, चार मर्डरकांड नहीं सुलझे सालभर

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : वर्ष 2018 में सालभर जिलेवासियों का दिल हत्याओं से दहलता र

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Dec 2018 01:14 AM (IST)Updated: Sat, 22 Dec 2018 01:14 AM (IST)
अलविदा 2018: 33 हत्याओं से दहलता रहा दिल, चार मर्डरकांड नहीं सुलझे सालभर
अलविदा 2018: 33 हत्याओं से दहलता रहा दिल, चार मर्डरकांड नहीं सुलझे सालभर

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर :

loksabha election banner

वर्ष 2018 में सालभर जिलेवासियों का दिल हत्याओं से दहलता रहा। इस साल कुल 33 हत्याएं हुई। इनमें से चार केस पूरे सालभर अनसुलझे रहे। वर्ष 2017 के आंकड़ों से तुलना करें तो इस साल करीब 90 फीसद हत्याओं के मामलों में इजाफा दर्ज किया गया। वर्ष 2017 में महज 18 हत्याएं ही हुई थी। नवंबर माह में सर्राफ कारोबारी सुनील की हत्या सालभर की सबसे बड़ी घटनाओं में दर्ज हो गई। धड़ से 20 फीट दूरी पर मिला महिला का शव

एक फरवरी को नारायणगढ़-कालाअंब रोड के पास एक पेपर मिल (कालाअंब) को जा रहे कच्चे रास्ते के किनारे पेड़ों के नीचे करीब 25 साल की महिला का सिर्फ धड़ मिला। सिर धड़ से करीब 20 फीट दूर मिला। पुलिस के मुताबिक इस क्षेत्र में काम कर रहे एक जेसीबी चालक ने जब शव देखा तो इस बारे में कालाअंब के सरपंच को सूचना दी। न तो शव की शिनाख्त हो सकी और न ही पुलिस पूरे साल इस ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी सुझा सकी।

--------------------

अनाज मंडी के पास मिला चौकीदार का शव

बराड़ा अनाज मंडी के पास 19 मई 2018 को 58 वर्षीय मामचंद का शव मिला। मृतक के शरीर कई जगह चोटों के निशान थे। मामचंद हैफेड में चौकीदार था। प्रतिदिन की भांति ही वह रात को घर से अपने काम पर गया। सुबह उसका शव मंडी के गेट के समीप पड़ा मिला। मृतक के पास में एक चुन्नी, ¨सगार आदि सामान पड़ा था। वहीं मृतक के माथे पर ¨सदूर व हल्दी आदि लगी हुई थी। इतना ही नहीं, आंखों में मिर्ची भी डाली गई थी।

---------------------

पशु चराने गए बुजुर्ग की हत्या

गांव कोड़वा खुर्द में खेतों में पशु चराने गए एक बुजुर्ग की हत्या कर शव झाड़ियों में छिपा दिया। 14 मई को पिलखनी गांव का सुंदर राम (65) प्रतिदिन की तरह जंगल में पशु चराने गया, लेकिन शाम को घर नहीं पहुंचा। परिजन देर रात तक तलाशते रहे। पशु नजदीक के गांव से मिले। 15 मई की सुबह झाड़ियों में सुंदर राम के कपड़े मिले। गले में फंदा लगा शव भी बरामद हुआ। यह गुत्थी भी अनसुलझी ही रह गई।

------------------------

जीएमएन कॉलेज से बस अड्डे रोड पर मिला शव

इसी साल जीएमएन कालेज रोड से बस अड्डे की ओर जाने वाले रोड पर करीब 32 साल के युवक का शव पुलिस ने बरामद किया। युवक के सिर पर चोटों के निशान थे। यह मामला भी पुलिस के लिए सालभर सिरदर्द बना रहा और उसकी शिनाख्त तक कोई नहीं कर पाया था।

-------------------------------

यह भी रही प्रमुख घटनाएं

5 अक्टूबर 2018 को सेक्टर सात में लेबर विभाग में कार्यरत कविता अनेजा के ऊपर हिसार के दो युवकों ने तेजाब फेंक दिया। हालांकि पुलिस ने इस मामले में 24 घंटे के भीतर ही आरोपितों का खुलासा कर दिया। सालभर में यह सबसे बड़ी दिल दहलाने वाली घटना थी। अभी भी कविता अस्पताल में ¨जदगी और मौत की जंग लड़ रही है। कविता की एक आंख हमेशा के लिए बंद हो चुकी है। उसकी बुआ की ननद के बेटे ने इस वारदात को अंजाम दिया था। वह कविता से एकतरफा प्यार करता था।

------------------

बेटे और बेटी सहित पिता ने खुद को लगाई आग

दिसंबर में अंबाला शहर में सुभाष गली में रहने वाले दीपक कुमार ने 12 दिसंबर को छह वर्षीय प्रबलजीत और चार वर्षीय भाविका उर्फ परी को आग लगी थी। दोनों को आग लगाने के बाद उसने खुद को भी आग के हवाले कर दिया। इस कांड में उसकी और उसके बेटे की उसी दिन मौत हो गई थी जबकि बेटी आज भी ¨जदगी और मौत से जूझ रही है।

----------------

महिला थाने में दुष्कर्म के दर्ज हुए 32 केस

वर्ष 2018 में अकेले महिला थाने में दुष्कर्म के 32 मामले दर्ज किए गए। इनमें से सात कैंसिल हुए, 25 कोर्ट में गए। इसके अलावा 23 मामले पोक्सो के दर्ज किए गए। इनमें से तीन कैंसिल हुए। हालांकि पूरे साल में जिले में करीब 90 केस पोक्सो के दर्ज किए गए।

----------------------

वर्ष 2018 की सौगातें

पुलिस महकमे को इस साल 100 कांस्टेबल मिले। कई दशकों बाद नग्गल थाने को नया भवन मिला। इसी साल नारायणगढ़ में महिला थाने की सौगात मिली। हालांकि महेश नगर थाने का नया भवन बनाने का सपना पूरा नहीं हो सका। इस साल भी महेश नगर थाने को बनाने के लिए जमीन स्थानांतरण का मामला कागजों तक ही दफन हो गया।

----------------

वर्ष 2019 की चुनौतियां :-

नशाखोरी को रोकना वर्ष 2019 में पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती रहेगी। इसके अलावा ट्विन सिटी में बाजारों में बेलगाम हो चुकी ट्रैफिक व्यवस्था पर अंकुश लगाना भी चुनौती से कम नहीं होगा। सड़क हादसों का ग्राफ कैसे कम हो यह भी पुलिस के लिए ¨चता का विषय बना हुआ है। करीब 1175 कर्मचारियों की फौज होने के बावजूद 160 से ज्यादा कर्मियों की कमी पुलिस को खल रही है। ट्रैफिक पुलिस भी कर्मचारियों की कमी से जूझ रही है। इन सभी की कमी के बावजूद व्यवस्था बनाए रखना और बढ़ते क्राइम के ग्राफ को कम करना भी पुलिस के लिए 2019 की चुनौती होंगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.