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एनसीईआरटी अधिकारियों से मिलेंगे कारोबारी, टेंडर कैंसल करवाने की मांग

नेशनल काउंसिल आफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिग (एनसीईआरटी) द्वारा निकाले गए अरबों रुपये के टेंडर का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2021 07:25 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 07:25 AM (IST)
एनसीईआरटी अधिकारियों से मिलेंगे कारोबारी, टेंडर कैंसल करवाने की मांग
एनसीईआरटी अधिकारियों से मिलेंगे कारोबारी, टेंडर कैंसल करवाने की मांग

जागरण संवाददाता, अंबाला : नेशनल काउंसिल आफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिग (एनसीईआरटी) द्वारा निकाले गए अरबों रुपये के टेंडर का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। पहले जहां एनसीईआरटी ने 75 लाख टर्नओवर की शर्त तो हटा दी थी लेकिन अब कारोबारी यह टेंडर रद करने की मांग उठा रहे हैं। इसी को लेकर आगामी रणनीति बना रहे हैं, जबकि कुछ कारोबारी इस संघर्ष से अलग होकर टेंडर की रेस में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में अंबाला के साइंस कारोबारियों के लिए इस टेंडर को रद करना जहां चुनौती है, वहीं एनसीईआरटी के अधिकारियों से भी मिलने की तैयारी कर रहे हैं।

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उल्लेखनीय है कि इस विरोध को लेकर अंबाला की साइंस कारोबारियों की तीनों संस्थाएं अंबाला साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट मेन्यूफैक्चरिग एसोसिएशन (असीमा), साइंटिफिक अपरेट्स मेन्यूफैक्चरिग एसोसिएशन (सामा) तथा साइंटिफिक अपरेट्स मेन्यूफैक्चरर्स एक्सपो‌र्ट्स (सेम) एक मंच पर आ चुकी हैं। कारोबारियों ने अपना कारोबार बंद रख इस टेंडर प्रक्रिया का विरोध भी जताया था। अब कारोबारी यह टेंडर रद करवाकर पुरानी व्यवस्था को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। इस में स्कूल लेवल पर ही प्रिसिपल स्थानीय कारोबारियों से साइंस किट हासिल कर लेता था।

कारोबारियों की मानें, तो अब यह प्रक्रिया सेंट्रेलाइज्ड होने के कारण कारोबार चुनिदा कारोबारियों के हाथों में चला गया है। इसी का फायदा अब यह कारोबारी उठा रहे हैं। सामा के प्रधान कैलाश धीर का कहना है कि यह टेंडर प्रक्रिया को कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए बदली गई है। ऐसे में छोटे कारोबारी इस रेस से बाहर हो रहे हैं। बेहतर तो यही होगा कि यह टेंडर प्रक्रिया रद की जाए और पुरानी व्यवस्था को ही बहाल किया जाए। इसको लेकर आगामी रणनीति तैयार कर रहे हैं।


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