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बस अड्डा परिसर में जमा पानी, शौचालयों के दरवाजे टूटे

लकार ¨सह, बराड़ा : बारिश के कारण जहां कस्बा बराड़ा की विभिन्न गलियां, नालियां, सड़कें इत्यादि पानी से भर जाती हैं, वहीं उपमंडल बराड़ा के बस अड्डा में पिछले कई महीनों से पानी जमा हुआ है, जिससे यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 08:56 PM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 08:56 PM (IST)
बस अड्डा परिसर में जमा पानी, शौचालयों के दरवाजे टूटे
बस अड्डा परिसर में जमा पानी, शौचालयों के दरवाजे टूटे

फोटो 60 से 62 : ग्रामीण पन्ने की लीड प्रस्तावित बलकार ¨सह, बराड़ा : बारिश के कारण जहां कस्बा बराड़ा की विभिन्न गलियां, नालियां, सड़कें इत्यादि पानी से भर जाती हैं, वहीं उपमंडल बराड़ा के बस अड्डा में पिछले कई महीनों से पानी जमा हुआ है, जिससे यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बराड़ा में पानी निकासी की कोई उचित व्यवस्था नहीं है। लगभग चार एकड़ भूमि पर बना बस अड्डा इन दिनों पानी से लबालब है। जिससे दूर-दराज से आने वाले यात्रियों खासकर महिलाओं व बच्चों को भारी परेशानी हो रही है। बराड़ा वासी हरजिन्द्र ¨सह, निर्मल ¨सह, राम कुमार इत्यादि ने बताया कि पिछले कई महीनों से बस स्टैंड के दोनों गेटों पर पानी भरा हुआ है, जिस कारण न कोई यात्री और न ही बस बस स्टैंड के अन्दर जा पा रही है। यात्रियों को बस पकड़ने के लिए बस स्टैंड के बाहर शाहाबाद-सढौरा रोड पर खुले आसमान के नीचे ही खड़ा होना पड़ रहा है।

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4 एकड़ भूमि पर बना है बस अड्डा

बराड़ा बाईपास पर लगभग 4 एकड़ जमीन पर बनाये गए बस अड्डे का उद्घाटन गत 23 अगस्त 1990 को तत्कालीन राज्य परिवहन मंत्री वेद ¨सह मलिक द्वारा किया गया था। बराड़ा बाईपास मार्ग पर रेलवे फाटक नंबर 110-बी पर सरकार द्वारा रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण का फैसला लिया गया, जिसके चलते गत 16 अप्रैल 2006 को मुख्यमंत्री रहे भूपेन्द्र ¨सह हुड्डा द्वारा ओवरब्रिज के शिलान्यास के दिन से ही बराड़ा बाईपास मार्ग को दोनों तरफ से बंद कर दिया गया था। इस मार्ग के बंद होने से बस अड्डा भी बंद हो गया। इस दौरान शाहाबाद से सढौरा आने जाने वाली सभी बसें मुख्य बाजार से गुजरने लगी। बस अड्डा बराड़ा के लगभग साढ़े चार साल बंद रहने के कारण बस अड्डे के अंदर बने कमरों के दरवाजे, पानी की टूटियां, शौचालय आदि को कुछ शरारती तत्वों ने तोड़ फोड़ दिया था। सम्बन्धित विभाग ने रंग रोगन व टूटे पड़े दरवाजों को एक बार तो ठीक करवा दिया, लेकिन अब शौचालयों के दरवाजे फिर से टूटे पड़े है। जिससे खासकर महिलाओं व बच्चों को शौच आदि के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।

खाली स्थान पर उगी जलकुम्भी व कांग्रेस घास

बस अड्डा पर जहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, वहीं बस स्टैंड की खाली पड़ी जगह में इन दिनों कांग्रेस घास व जलकुम्भी का साम्राज्य है। बस स्टैंड के खाली पड़े प्रांगण में बड़ी-बड़ी उगी कांग्रेस घास, जलकुम्भी आदि के कारण कई तरह के कीट पतंगे पैदा हो रहे हैं। जो बस अड्डे में घुस रहे हैं परन्तु बस अड्डा की साफ-सफाई की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बस स्टैंड पर पहुंचे यात्री गुरमीत ¨सह, सुच्चा राम, करनैल ¨सह, महिला लाजो देवी, युवती रिचा ¨सह सहित अन्य कस्बा वासियों ने प्रशासन से मांग की है कि बस स्टैंड पर वर्षा के पानी की निकासी करने के साथ-साथ इसकी सफाई का भी विशेष प्रबंध किया जाये, ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।


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