जिन गांवों में बस व ऑटो की सुविधा नहीं वहां बनाए बस क्यू शेल्टर
बराड़ा क्षेत्र में सरकार की ओर से कई गांवों में बस क्यू शेल्टर बनाए गए हैं लेकिन मजे की बात यह है कि जिन गांवों में आज तक बस या ऑटो की सुविधा नहीं पहुंची वहां पर बस क्यू शेल्टर बनाए दिए गए।
बलकार सिंह, बराड़ा
बराड़ा क्षेत्र में सरकार की ओर से कई गांवों में बस क्यू शेल्टर बनाए गए हैं लेकिन मजे की बात यह है कि जिन गांवों में आज तक बस या ऑटो की सुविधा नहीं पहुंची वहां पर बस क्यू शेल्टर बनाए दिए गए। यहां पर बस सर्विस और ऑटो की सुविधा है और यात्रियों की आवाजाही भी अनेक गांवों के मुकाबले ज्यादा है, उन गांवों को अब तक बस क्यू शेल्टर की सुविधा नहीं मिली है। हालांकि इन रूट के यात्री कई बार परिवहन विभाग से भी बस क्यू शेल्टर बनाने की मांग की चुकी है।
क्षेत्र में जहां एक ओर गांव चहलमाजरा, दादुपूर, सज्जनमाजरी, सोहाता, राजौली, सोहाना, सरकपुर व अन्य कई गांवों में बस क्यू शेल्टर बनाए गए हैं तो वहीं गांव तंदवाल, तंदवाली व राऊमाजरा में लोगों को अभी तक भी बस क्यू शेल्टर की सुविधा नहीं मिल पाई है। इस कारण दैनिक यात्रियों को सर्दी, बरसात व गर्मी की समस्या का सामना करना पड़ता है।
बता दें कि तंदवाल, तंदवाली व राऊमाजरा से बड़ी संख्या में यात्री बस व ऑटो से बराड़ा व शाहाबाद की यात्रा करते है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि जो यात्री बस क्यू शेल्टर बनाए जाने की मांग कर रहे थे आखिर उनकी मांग कब पूरी होगी।
------------------ तीन जिलों को जोड़ने वाला अधोया भी शेड को तसर रहा
अधोया चौक से प्रतिदिन काफी तादाद में लोग बस या ऑटो से शाहाबाद-सढ़ोरा की ओर जाते हैं, लेकिन विभाग ने इस ओर भी ध्यान नहीं दिया। अधोया से अंबाला, यमुनानगर व कुरुक्षेत्र तीन जिलों को जोड़ने वाली सीमा है जिस कारण यहां से बड़ी संख्या में लोग आवाजाही करते हैं, लेकिन बस क्यू शेल्टर नहीं होने के कारण लोगों को यहां पर सड़क पर खड़े होकर ही बस का इंतजार करना पड़ता है। यही हाल गांव जलुबी व अधोई का है यहां से भी प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में सवारियां अपनी मंजिल तक पहुंचती है। गांव अधोई के बस स्टॉप को बनाने के लिए तो कई सामाजिक संस्थाएं परिवहन मंत्री को मिलकर बस क्यू केल्टर बनाए जाने की मांग कर चुके है लेकिन समस्या ज्यों की त्यों है।
----- - मुझे इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी है कि यह किन-किन गांवों में और किसके द्वारा बनाए गए है इस बारे में कार्यालय में जाकर ही जानकारी लेकर ही बताया जा सकता है।
सुमन कादियान, बीडीपीओ बराड़ा।