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बंगला नंबर 56 की हुई थी खरीद फरोख्त, कब्जा लेकर बनाया था डीईओ आफिस

अतिसंवेदनशील अंबाला छावनी में अंग्रेजों के 1899 से पहले ओल्ड ग्रांट पर दिए गए 22 बंगलों को अब सेना सुरक्षा की दृष्टि से खाली कराना चाहती है। बंगलों की जहां खरीद-फरोख्त हुई वहीं इन बंगलों का यू•ा भी बदल दिया गया लेकिन नीचे से लेकर ऊपर तक अफसरशाही बेखबर है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Dec 2019 06:30 AM (IST)Updated: Fri, 20 Dec 2019 06:30 AM (IST)
बंगला नंबर 56 की हुई थी खरीद फरोख्त, कब्जा लेकर बनाया था डीईओ आफिस
बंगला नंबर 56 की हुई थी खरीद फरोख्त, कब्जा लेकर बनाया था डीईओ आफिस

दीपक बहल, अंबाला

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अतिसंवेदनशील अंबाला छावनी में अंग्रेजों के 1899 से पहले ओल्ड ग्रांट पर दिए गए 22 बंगलों को अब सेना सुरक्षा की दृष्टि से खाली कराना चाहती है। बंगलों की जहां खरीद-फरोख्त हुई, वहीं इन बंगलों का यू•ा भी बदल दिया गया, लेकिन नीचे से लेकर ऊपर तक अफसरशाही बेखबर है। बंगला नंबर 56 जब खाली होने पर ही पर्दाफाश हुआ था कि किस तरह से बंगलों की खरीद फरोख्त हुई है। हालांकि बंगला कितने में खरीदा या बेचा गया, पता नहीं लग पाया, लेकिन यह स्पष्ट हो गया है कि जिनको ये बंगले अलाट किए गए थे, उनमें कोई और ही रह रहा है। बंगला नंबर 56 का कब्जा डीईओ कार्यालय ने लिया और यहीं पर अपना दफ्तर भी खोल रखा है। अब सेना 22 बंगलों को खाली कराने के लिए कागजी कार्रवाई में जुटी है, लेकिन सुस्त कार्रवाई के चलते अभी तक प्रपोजल ही नहीं बनाया जा सका है। सेना ने डिफेंस इस्टेट ऑफिस (डीईओ) में 22 बंगलों की सूची तैयार कर भेजी थी। यह सूची इस टिप्पणी के साथ वापस भेज दी गई कि पुराने बंगलों का सेना ने क्या इस्तेमाल किया और नए बंगले क्यों खाली कराना चाहती है। अब बंगलों को खाली कराने का प्रस्ताव एक बार फिर सेना के ही पाले में आ चुका है।

यह है मामला

सेना ने अपने क्षेत्र में ऐसे बंगलों को ओल्ड ग्रांट पर दिया, जिनमें आज भी लोग रह रहे हैं। इन में कई तो खंडहर हो चुके हैं, जबकि कई ऐसे हैं, जो वास्तव में जिन्हें अलाट किए गए थे, उनमें वे नहीं रह रहे। सेना अब इन बंगलों को खाली कराना चाहती है, जबकि इस को लेकर कार्रवाई बीते नौ सालों से चल रही है, जो अभी तक सिरे नहीं चढ़ी है। सेना सुरक्षा का मामला मानते हुए, यह नहीं चाहती की आर्मी एरिया में सिविलियन रहें। इसी को लेकर सेना ने डिफेंस इस्टेट ऑफिस (डीईओ) कार्यालय से पत्राचार किया। सेना ने डीईओ कार्यालय को 22 बंगलों की लिस्ट सौंपी है। अब यह चेक किया जा रहा है कि जिनको यह बंगले अलाट किए गए थे, उनके ब्लड रिलेशन में ही लोग रह रहे हैं या फिर किसी और को बेच दिए गए हैं। यदि ऐसा है तो उनको बिना किसी बेनीफिट के बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा, जो अलाटी के ब्लड रिलेशन में इन बंगलों में रह रहे हैं, उनको सरकार पांच सौ गज के प्लाट पर आशियाना बनाकर देगी।

इन बंगला नंबरों की सौंपी है लिस्ट

सेना ने डीईओ कार्यालय में 22 बंगलों की लिस्ट सौंपी है। इन बंगलों में से कुछ खाली है, जबकि कुछ में रिहायश है या फिर इनमें कमर्शियल गतिविधियां चल रही हैं। कुछ बंगले ऐसे हैं, जिनमें शिक्षण संस्थान चल रहे हैं। इनमें बंगला नंबर 13, 16, 19, 19/ए, 47, 52, 53, 56, 59, 72, 82, 85, 86, 91, 95, 99, 114, 116, 130, 135, 149, 150, 230 शामिल हैं।

प्वाइंटर

- 1899 से पहले अंग्रेजों ने दिए थे ओल्ड ग्रांट बंगले

- अब तक 14 बंगलों को सेना करा चुकी है खाली

- सेना को 22 और बंगलों को खाली कराना है

- नौ साल से चल रही बंगले खाली करवाने की कार्रवाई

- सन 2011 में एक बंगला लिया था कब्जे में, जहां चल रहा है डीईओ कार्यालय।


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