हरियाणा-पंजाब में हुआ महाघोटाला, ऐसे चला GST के नाम पर बड़ा गोरखधंधा
हरियाणा और पंजाब मेें फर्जी फर्म बनाकर बड़े जीएसटी घोटाले का खुलासा हुआ है। कारोबारियों ने फर्जी फर्मों के नाम पर बिलिंग कर करोड़ों रुपये का वारा न्यारा कर लिया।
अंबाला, [दीपक बहल]। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) में महा घोटाला सामने आया है। हरियाणा और पंजाब में फर्जी फर्मे बनाकर कारोबारियों एवं उद्योगपतियों को 18 फीसद भुगतान के बिल पांच से छह फीसद कमीशन लेकर बना दिए गए। इन कारोबारियों ने सरकार से 18 फीसद का इनपुट क्रेडिट भी ले लिया। छह मामलों में कारोबारियों ने करीब 35 करोड़ का कारोबार दिखाकर सरकार से छह करोड़ रुपये का लाभ ले लिया गया।
डीईटीसी सुरेंद्र सिंह ने पंजाब के डीईटीसी को पत्र लिख सरकारी रकम की रिकवरी को लेकर सिफारिश की है। वहीं अंबाला एसपी को पत्र लिख कार्रवाई की सिफारिश की है। लगभग दो करोड़ की गड़बड़ी के एक मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है।
फर्जी फर्म बना किया जीएसटी चोरी, छह करोड़ का क्रेडिट भी लिया
अंबाला छावनी के मकान नंबर 162 ए रेल विहार कुलदीप नगर का पता देकर नटवर लाल ने जीएसटी नंबर अलॉट करा लिया और मैसर्ज प्रदीप नाम से फर्म बना दी गई। पंजाब के जिला फतेहगढ़ साहित के मंडी गोङ्क्षबदगढ़ निवासी प्रदीप को नहीं पता था कि उसके दस्तावेजों के आधार पर फर्म बना दी गई है। इस फर्जी फर्म के नाम पर जून 2018 से जनवरी 2019 तक सात करोड़ 76 लाख 45 हजार 804 रुपये के खरीद बिल जारी हुए, जबकि फर्म ने इसी अवधि के दौरान 11 करोड़ 54 लाख 8 हजार 307 रुपये के बिल जारी किए। इस अवधि के दौरान फर्म ने 10,556 रुपये टैक्स भी जमा कराया।
हरियाणा-पंजाब में फर्जी फर्म बना दिया अंजाम, दोनों राज्यों की पुलिस में खलबली
जून 2018 से जनवरी 2019 तक फर्म ने 12 करोड़ 53 लाख 25 हजार 252 के कई बिल हरियाणा व पंजाब के कारोबारियों को जारी किए। उक्त व्यापारियों ने इन्हीं बिलों के माध्यम से सरकार से 2 करोड़ 1 लाख 41 हजार 770 रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ ले लिया। घोटाला सामने आने पर इन कारोबारियों से रिकवरी शुरू कर दी गई है। अभी यह मामला सुलटा भी नहीं था कि पांच और इस तरह के मामले सामने आए जिनमें 4 करोड़ का घपला सामने आया।
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''छह मामले प्रकाश में आने के बाद एसपी को चिट्ठी लिखी जा चुकी हैं जो भी फर्म इसमें मिलीभगत हैं उनसे रिकवरी की जा रही है। कारोबारियों से अपील है कि इस तरह से बिल न खरीदें, इससे सरकार को नुकसान होता है। कारोबारियों को टैक्स तो देना ही होगा और जुर्माने का भुगतान भी करना पड़ेगा।
- सुरेंद्र कुमार, उप आयुक्त, राज्य कर अंबाला।
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