डिवाइडरों पर धूल फांक रहे बैरीकेड, हाईवे पर पत्थरों के सहारे नाकाबंदी
जागरण संवाददाता, अंबाला: यातायात को डायवर्ट करने व नाकाबंदी के लिए बैरीकेड होने के बावजूद यातायात व्यवस्था ठीक नहीं है।
जागरण संवाददाता, अंबाला: यातायात को डायवर्ट करने व नाकाबंदी के लिए बैरीकेड होने के बावजूद अभी भी ट्रैफिक पुलिस पुराने ढर्रे पर चल बड़े-बड़े पत्थरों का इस्तेमाल कर रही है। जो बैरीकेड हाईवे पर लगे होने चाहिए उन्हें आपातकालीन व नाइट डोमिनेशन के लिए डिवाइडरों व फ्लाईओवर पर सजा रखा है। बिना रिफ्लेक्टर के बड़े-बड़े पत्थर रात के समय हादसों को न्योता देते दिखाई देते हैं। यह पड़ताल नजारा दैनिक जागरण की टीम ने अंबाला-दिल्ली नेशनल हाईवे पर बने शास्त्री कट की ट्रैफिक पोस्ट व रेलवे स्टेशन के सामने फ्लाईओवर पर बृहस्पतिवार को की।
एक्सीडेंट प्रोन एरिया कहे जाने वाले शास्त्री कट सुबह 11 बजे पहुंचे तो चारों ओर पुलिस प्रशासन की भारी चूक मिली। सबसे व्यस्त हाईवे पर ट्रैफिक लाइट लगाकर वाहनों को तो रोका जा रहा। मगर न तो जेब्रा क्रॉ¨सग बनाई गई और न ही कोई बैरीकेड लगा रखे हैं। जिन वाहनों को लाइटों पर रुकना था वो क्रा¨सग न होने पर लाइटों से आगे आकर रुके। जिस कारण हादसों का खतरा मंडराता है। जो भी साइड बोर्ड लगे हैं उनके से अधिकतर टूटे पड़े है तो कुछ गिरने वाले हैं। राहगीरों को उसका कोई फायदा नहीं पहुंच रहा। ऐसे ही हालात फ्लाईओवर के नीचे देखने को मिले। बैरीकेड डिवाइडरों व दीवार के सहारे लगे हुए है मगर पत्थर से ही नाकाबंदी कर रखी है।
पत्थरों के सहारे पोस्ट को कर रखा सुरक्षित
नेशनल हाईवे पर शास्त्री कट किनारे ट्रैफिक मुलाजिमों की पोस्ट बनी हुई है जो पत्थरों के सहारे ही सुरक्षित है। पोस्ट के साथ ही हाईवे किनारे बड़े-बड़े पत्थर इस कदर बेतरतीब ढंग से लगा रखे हैं कि कोई भी वाहन पोस्ट तक नहीं पहुंच सकता। दरअसल, हाईवे पर ट्रैफिक लाइटों से पहले आधा किलोमीटर की दूरी पर अलर्ट लाइट लगी होती है जो यहां मौजूद नहीं है। जिस कारण लाइटों से अंजान वाहन चालक अचानक ब्रेक मारते हैं तो वाहन आपस में टकरा जाते हैं। जिस कारण हर समय पोस्ट में बैठे मुलाजिमों को खतरा बना रहता है। हैरानी की बात यह है कि ट्रैफिक पुलिस के पास बैरीकेड नहीं हैं। पोस्टर पर ट्रैफिक एसआइ, हवलदार, सिपाही सहित एक होमगार्ड का जवान मौजूद था जो ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त कर रहे थे।