Move to Jagran APP

शिवालयों में जलाभिषेक के लिए उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, बम भोले के गूंजे जयघोष

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : शिव और आदि शक्ति के सम्मिलन के पर्व महाशिवरात्रि पर शिवाल

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Aug 2018 05:53 PM (IST)Updated: Thu, 09 Aug 2018 05:53 PM (IST)
शिवालयों में जलाभिषेक के लिए उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, बम भोले के गूंजे जयघोष
शिवालयों में जलाभिषेक के लिए उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, बम भोले के गूंजे जयघोष

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : शिव और आदि शक्ति के सम्मिलन के पर्व महाशिवरात्रि पर शिवालयों में श्रद्धा एवं भक्ति का खूब सैलाब उमड़ा। आस्था की इस बयार के बीच भक्त भोर में ही महादेव के रूद्राभिषेक के लिए शिवालयों में पहुंच रहे थे। लगभग सभी मुख्य मंदिरों पर भक्तों की लाइन लगी हुई थी। इन लाइनों में खड़े भक्त बम बम भोले के जयघोष के बीच आगे बढ़े। विशेषकर तौर कांवड़िये संगीतमयी धुनों पर नाचते हुए जलाभिषेक के लिए पहुंचे। विशेष तौर पर शहर सेक्टर-7 स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर, समाधि बाबा किशनपुरी महाराज स्थित शिव मंदिर, जट्टां वाला शिव मंदिर, लब्बू वाला तालाब स्थित मंदिर व छावनी में प्राचीन कैलाश हाथीखाना और रानी तालाब स्थित प्राचीन शिव मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा। भक्तों की इस आस्था के साथ साथ धार्मिक संस्थाओं ने भी विशेष प्रबंध किए थे। हाथीखाना मंदिर, प्राचीन रानी तालाब स्थित शिव मंदिर व शहर स्थित प्राचीन समाधि बाबा किशन पुरी स्थित शिव मंदिर पर मेले सा माहौल बना रहा। पूजा सामग्री की छोटी छोटी दुकानों का बाजार सजा था।

loksabha election banner

सुबह सेवेरे के शांत माहौल में मंदिरों में भक्तों के जयघोष और घंटों की आवाज गूंज रही थी। भक्तों ने बेल पत्र, शहद, भांग, धतूरा, दीपक, धूप, बेलपत्र, जनेऊ, फल, धूप, कपूर, पान, लौंग, गुलाब, इलायची, सुपारी, भस्म, इत्र, अर्क, गुलाब, चंदन व दूध के साथ शिव¨लग का अभिषेक किया व ऊ नम: शिवाय का जाप कर भगवान शिव का आशीर्वाद लिया।

नीलकंठ मंदिर की देखते ही बन रही थी छटा

सेक्टर सात के नीलकंठ महादेव मंदिर में पूरे सावन मास के दौरान सवा करोड़ मंत्रों का जाप चल रहा है। 27 जुलाई से शुरू हुआ मंत्रों का यह जाप 25 अगस्त तक चलेगा। माथा टेकने आए भक्त जलाभिषेक के उपरांत शांत चित से शिव कथा सुन रहे थे। अपनी अद्भुत और अनुपम शैली से निर्मित इस मंदिर में भक्तों की विशेष आस्था है। भक्त जन सपरिवार शिव का रूद्राभिषेक करते दिखे गए।

शिवालयों में नंगे पांव पहुंचे श्रद्धालु

समाधि बाबा किशनपुरी महाराज स्थित शिव मंदिर में सैकड़ों श्रद्धालु नंगे पांव जलाभिषेक करने के लिए पहुंचे। मंदिर में कांवड़ियों व श्रद्धालुओं को लेकर विशेष व्यवस्था की गई थी। बाहर छोटी-छोटी दुकानों पर पूजा सामग्री व बच्चों के खिलौने बेचे जा रहे थे। भक्तों ने यहां न केवल माथा टेका बल्कि मंदिर परिसर में ही शिव आरती भी पढ़ी।

अपने परिवारों के साथ पहुंचे कांवडि़ये

गौमुख व हरिद्वार से गंगा का पावन जल लेकर जलाभिषेक करने पहुंचे कांवड़िये अपने अपने परिवारों के साथ मंदिर में जलाभिषेक को पहुंचे थे। कई ढोल की थाप पर भी पहुंचे। इन कांवड़ियों ने अपनी लंबी यात्रा के बाद शिव¨लग पर जलाभिषेक कर यात्रा को पूर्ण किया। कैलाश हाथीखाना मंदिर में करीब 5 हजार कांवड़ियों ने जलाभिषेक किया।

चार सौ पुराना है रानी तालाब मंदिर

रानी का तालाब मंदिर में भक्त उमड़े। यह मंदिर करीब चार सौ वर्ष पुराना है जिसे छछरौली रियासत के समय बनाया गया था। इसकी स्थापना छछरौली के राजा रणजीत ¨सह ने कराई थी। राजा की रानी का शाही स्नान का स्थान होने के कारण इसका नाम रानी का तालाब पड़ा।

1844 में स्थापित हुआ हाथीखाना कैलाश मंदिर

प्राचीन कैलाश हाथी खाना मंदिर में पैर रखने को जगह नहीं थी और यहां भक्तों की लंबी लाइनें लगी हुई थी। इस मंदिर की विशेष मान्यता है। मंदिर की स्थापना 1844 में हुई। यहां मंदिर के स्थान पर फौज के हाथियों को बांधा जाता था। साधू संतों का भी डेरा रहता था। संतों के कहने पर ही यहां मंदिर की स्थापना की गई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.