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हॉकी एस्ट्रोटर्फ की डिमांड को खेल राज्य मंत्री के समक्ष उठाएगी एसोसिएशन

दशकों से अंबाला छावनी में हॉकी मैदान का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। जहां पर भी मैदान की व्यवस्था बनाने की कोशिश की गई वह सिरे ही नहीं चढ़ी। अंबाला के खालसा स्कूल में हॉकी का मैदान होता था लेकिन यह भी अब बंद हो चुका है। इसी कारण से खिलाड़ियों को मैदान के लिए भटकना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 09:53 AM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 09:53 AM (IST)
हॉकी एस्ट्रोटर्फ की डिमांड को खेल राज्य मंत्री के समक्ष उठाएगी एसोसिएशन
हॉकी एस्ट्रोटर्फ की डिमांड को खेल राज्य मंत्री के समक्ष उठाएगी एसोसिएशन

जागरण संवाददाता, अंबाला

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दशकों से अंबाला छावनी में हॉकी मैदान का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। जहां पर भी मैदान की व्यवस्था बनाने की कोशिश की गई, वह सिरे ही नहीं चढ़ी। अंबाला के खालसा स्कूल में हॉकी का मैदान होता था, लेकिन यह भी अब बंद हो चुका है। इसी कारण से खिलाड़ियों को मैदान के लिए भटकना पड़ रहा है।

इस मामले को अब हॉकी एसोसिएशन खेल मंत्री के सामने उठाने की तैयारी कर रही है। हालांकि एसोसिएशन ने बब्याल में हॉकी मैदान की जगह को देखा है, लेकिन अभी इसे फाइनल नहीं किया गया है। गौर हो कि प्रदेश के अन्य जिलों में हॉकी के एस्ट्रोटर्फ मैदान तो हैं, जबकि अंबाला में मिला यह प्रोजेक्ट छिन चुका है। इसके बाद भी अभी तक छावनी को हॉकी मैदान नहीं मिल पाया है। इस तरह से खत्म हुई हॉकी मैदान

अंबाला छावनी के वार हीरोज मेमोरियल स्टेडियम में हॉकी का मैदान हुआ करता था। लेकिन अन्य खेलों की व्यवस्था बनाने के चक्कर में इसे खत्म कर दिया गया। बाद में साथ ही लगते फरुखा खालसा स्कूल में हॉकी खिलाड़ी प्रेक्टिस करने लगे। इसके अलावा अन्य कहीं पर भी हॉकी मैदान नहीं है। इसी को लेकर एसोसिएशन ने तत्कालीन खेल मंत्री अनिल विज के पास मामला रखा, जिस पर राबर्ट पैवेलियन के साथ लगती जमीन को हॉकी मैदान के रूप डेवलेप करने को कहा गया। यह भी विवादों के चलते सिरे नहीं चढ़ पाया। इसके बाद अंबाला छावनी के गांधी मैदान का एक हिस्सा हॉकी मैदान के तौर पर विकसित करने को कहा गया, लेकिन यह भी बाद में खत्म हो गया। इसी तरह एसडी सभा द्वारा चलाए जा रहे स्कूल में हॉकी मैदान को विकसित करने की बात कही गई, लेकिन इस में भी सभा द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया और मामला ठंडे बस्ते में चला गया। बब्याल में चल रही कोशिशें मैदान के लिए

हॉकी एसोसिएशन द्वारा बब्याल में मैदान की तलाश की जा रही है। बताया जाता है कि इसके लिए राजकीय स्कूल में मैदान की बात की जा रही है। यदि यह सिरे चढ़ता है तो हॉकी खिलाड़ियों के लिए राहत की बात होगी। लेकिन अभी इसे फाइनल नहीं किया गया। इन जिलों में है एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान

प्रदेश में कई जिलों में हॉकी के लिए एस्ट्रोटर्फ मैदान है, लेकिन अंबाला में नहीं है। सोनीपत में तीन, रोहतक में दो, भिवानी, सिरसा, हिसार, शाहाबाद, गुड़गांव में एक-एक एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान है। उल्लेखनीय है कि तत्कालीन चौटाला सरकार के कार्यकाल में अंबाला छावनी के वार हीरोज स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ मैदान की योजना बनी, लेकिन इसे बाद में शाहाबाद शिफ्ट कर दिया था। हॉकी मैदान को लेकर बब्याल में तलाश की जा रही है, जबकि एक स्कूल को चिह्नित भी किया गया है। अभी मामला फाइनल नहीं है। इस मामले के खेल मंत्री को पत्र लिख रहे हैं, ताकि अंबाला में हॉकी मैदान के लिए जगह मिल सके।

- एसएस मान, सचिव, जिला हॉकी एसोसिएशन अंबाला


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