पोलैंड और जर्मनी के कलाकारों ने शास्त्रीय नृत्य व आत्मज्ञान का संदेश दिया
एमएम स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर महर्षि मारकंडेश्वर यूनिवर्सिटी सद्दोपुर में सहजयोग-ध्यान से कुंडलिनी जागृति की ओर से परमात्मा की अनमोल देन आत्म साक्षात्कार को प्राप्त करने का कार्यक्रम हुआ।
जागरण संवाददाता, अंबाला: एमएम स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर महर्षि मारकंडेश्वर यूनिवर्सिटी सद्दोपुर में सहजयोग-ध्यान से कुंडलिनी जागृति की ओर से परमात्मा की अनमोल देन आत्म साक्षात्कार को प्राप्त करने का कार्यक्रम हुआ। इसमें रूस, यूक्रेन, पोलैंड, जर्मनी, अमेरिका, स्पेन और चीन से आये 25 कलाकारों ने शास्त्रीय नृत्य व संगीत के माध्यम से सहजयोग ध्यान व आत्मज्ञान का संदेश दिया। विदेशी कलाकारों ने एक के बाद एक प्रस्तुति देकर समां बांध दिया। एमएम यूनिर्वसिटी के रजिस्ट्रार प्रो. रमन गुप्ता बतौर मुख्यातिथि के रूप में शामिल रहे। एमएम स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर की प्रिसिपल प्रो. आराधना जिदल ने बताया कि माता निर्मला देवी ने सहजयोग की शुरूआत 1970 में की थी जिसका उद्देश्य व्यक्ति के अंदर सोई हुई कुंडलिनी शक्ति को जगाना है। प्रो. रमन ने कहा कि आंतरिक शक्ति का संचार और संतुलित व्यक्तित्व की प्राप्ति में सहजयोग ध्यान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह शारीरिक, मानसिक तथा आत्मिक संतुलन की प्रक्रिया है। उन्होंने बताया कि यदि विद्यार्थी नियमित रूप से ध्यान धारणा करते हैं तो अपनी आंतरिक शक्ति की जागृति के माध्यम से अपनी शारीरिक व मानसिक समस्याओं से निजात पाकर अपने जीवन में संतुलन प्राप्त कर सकते हैं और एक सुंदर व शांत विश्व का निर्माण कर सकते हैं।