सेना अफसरों ने चे¨कग के लिए सिख युवक को रोका, दो घंटे खड़ा रखने पर हुआ हंगामा
-घटना की वीडियो वायरल होने के बाद सामने आया मामला, कैंटोनमेंट बोर्ड के अध्यक्ष ने शांत क
-घटना की वीडियो वायरल होने के बाद सामने आया मामला, कैंटोनमेंट बोर्ड के अध्यक्ष ने शांत करवाया मामला
जागरण संवाददाता, अंबाला
छावनी के स्टाफ रोड पर बिना पुलिस के ही दोपहिया वाहन चालकों को रोककर उनके दस्तावेज चेक करने को लेकर हंगामा हो गया। मामला उस समय तूल पकड़ गया जब सेना कर्मियों ने एक सिख युवक को हेलमेट नहीं पहनने पर रोक लिया और दो घंटे तक पुलिस नहीं आने पर उसे सजा देने के लिए वहीं खड़े रखा। सूचना मिलते ही कैंटोनमेंट बोर्ड के उपाध्यक्ष अजय बवेजा मौके पर पहुंचे तो उनकी वहां मौजूद सेना अफसरों के साथ बिना सिविल पुलिस के ही दस्तावेज चेक करने को लेकर तू-तू, मैं-मैं हो गई। इसके बाद बोर्ड के अध्यक्ष व बिग्रेडकर एसएस सिद्धू मौके पर पहुंचे तो उन्होंने अपने सैन्य अफसरों की ही क्लास ली। करीब एक घंटे तक चली जद्दोजहर के बाद बिग्रेडियर ने मामला शांत करवाया। इस मामले का खुलासा घटनास्थल पर बनी एक वीडियो वायरल होने के बाद हुआ।
हुआ यूं कि सेनाक्षेत्र में तीन दिन पूर्व खड्गा हाउस के पास सेना अधिकारियों ने सीएमपी के साथ नाका लगाया और वाहन चालकों को रोककर उनके दस्तावेज चेक करने शुरू कर दिए। इसी दौरान एक सिख युवक वहां से गुजर रहा था तो कर्मियों ने उसे भी रोक लिया। कर्मियों ने उसे हेलमेट नहीं पहनने पर उसके दस्तावेज भी ले लिया और पुलिस नहीं आने तक उसे दो घंटे तक अपने पास खड़े रखा। जब काफी देर तक भी पुलिस नहीं आई तो सूचना मिलते ही अजय वबेजा मौके पर पहुंचे और उन्होंने जवानों से सिख युवक को रोकने कारण पूछा। इस बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच कहासुनी हो गई।
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बोर्ड के नियम में नहीं बिना पुलिस चे¨कग करना
इस कहासुनी के बीच अजय बवेजा ने कहा कि सेना या कैंटोनमेंट बोर्ड के नियम में कहीं नहीं लिखा कि सेनाकर्मी बिना सिविल पुलिस के आम जनता को रोककर उनके वाहनों के दस्तावेज चेक करे। इस पर वहां मौजूद सेना अधिकारी ने कहा कि यह नियम है और अगर देखना है तो वहां पीछे बोर्ड पर नियम लिखा हुआ है।
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बिग्रेडियर ने शांत करवाया मामला
इसके बाद कैंटोनमेंट बोर्ड के अध्यक्ष व बिग्रेडियर एसएस सिद्धू मौके पर पहुंचे और बवेजा ने उन्हें पूरे मामले से अवगत करवाया। बिग्रेडियर ने सबसे पहले अपने सेना अफसरों को ही इस मामले को लेकर खरी-खरी सुनाई। उन्होंने दोनों पक्षों को समझाया जिसके बाद मामला शांत हुआ। वहीं तोपखाना चौकी पुलिस भी सूचना पाते ही मौके पर पहुंच गई थी।
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सेना को नहीं रोकने का अधिकार
सेना को बिना सिविल पुलिस के किसी भी वाहन चालक को रोककर उनके दस्तावेज चेक करने का अधिकार ही नहीं है। सेना कर्मी सुरक्षा की ²ष्टि से संदिग्ध लोगों को रोककर पूछताछ कर सकते हैं लेकिन वह आम जनता को परेशान नहीं कर सकते हैं।
अजय बवेजा, कैंटोनमेंट बोर्ड उपायध्यक्ष।
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नौवीं फाइल 9:35
हरीश कोचर