एनसीईआरटी की एक शर्त ने बढ़ा दी साइंस कारोबारियों की टेंशन
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिग (एनसीइआरटी) की टेंडरिग प्रक्रिया का मामला जहां केंद्र सरकार तक पहुंच गया है वहीं प्रक्रिया में एक शर्त को लेकर भी कारोबारियों ने सवाल उठाए हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला : नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिग (एनसीइआरटी) की टेंडरिग प्रक्रिया का मामला जहां केंद्र सरकार तक पहुंच गया है, वहीं प्रक्रिया में एक शर्त को लेकर भी कारोबारियों ने सवाल उठाए हैं। अब इंतजार है कि सरकार इस मामले में क्या रुख अपनाती है। कारोबारियों का कहना है कि मामले को जल्द सुलझाया जाए ताकि अंबाला के कारोबारी भी इस टेंडरिग प्रक्रिया में भाग ले सकें। उल्लेखनीय है कि अंबाला की साइंस इंडस्ट्री ने इस संबंध में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (माइक्रो, स्माल एं मीडियम इंटरप्राइजेज - एमएसएमई) को पत्र लिखा है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना काल से बंद पड़ी साइंस इंडस्ट्री को एनसीईआरटी के टेंडर का इंतजार था। सैकड़ों करोड़ रुपये के इस टेंडर में अब शर्तें ऐसी जोड़ दी गई हैं कि छोटी और मध्यम दर्जे के साइंस कारोबारियों के लिए इसमें भाग लेना तक मुश्किल है। ऐसी स्थिति में अंबाला की इंडस्ट्री एक मंच पर आकर विरोध कर रही है। पहले चरण में जहां साइंस कारोबार एक दिन के लिए बंद किया गया, वहीं रोष मार्च भी निकाला गया। इसके साथ ही अब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर विरोध दर्ज कराया है। कारोबारियों की मानें, तो जनवरी 2017 में एनसीईआरटी ने टेंडर में भाग लेने वालों के लिए 50 फीसद सरकारी सप्लाई की शर्त हटा दी थी। अब इस शर्त को फिर से लागू कर दिया गया है।
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कारोबारियों का विरोध जायज है और यह अंबाला की साइंस इंडस्ट्री के हित में नहीं है। केंद्र सरकार सरकार यदि इस ओर ध्यान नहीं देती, तो यह विरोधराष्ट्रीय स्तर पर ले जाया जाएगा।
- गौरव सोनी, महासचिव असीमा, अंबाला कैंट