कम उम्र में शादी करना पड़ा महंगा, मां-बाप बनने से पहले कानूनी पचड़े में फंसे
संवाद सहयोगी, मुलाना करीब एक साल पहले मुलाना के नजदीक स्थित साबापुर गांव में बाल विवाह निष
संवाद सहयोगी, मुलाना
करीब एक साल पहले मुलाना के नजदीक स्थित साबापुर गांव में बाल विवाह निषेध स्पेशल सेल ने एक नाबालिग की दिन में शादी रुकवाई थी, लेकिन परिजनों ने रात को गुपचुप फेरे करा दिए।
शादी होने के बाद भी पुलिस के डर से परिजन नवविवाहिता को ससुराल में नहीं लाए। कुछ दिन बाद जब मामला ठंडा पड़ा तो नाबालिग दूल्हा चुपचाप दुल्हन को अपने घर ले आया। इसी बीच दुल्हन गर्भवती हुई तो शादी रुकवाने वाले व्यक्ति ने एसपी से शिकायत कर दी। पंचकूला स्पेशल सेल मुख्यालय ने जांच की तो सच से पर्दा उठ गया। शुक्रवार देर रात नाबालिग दूल्हे, उसके माता-पिता और गांव फतेहपुर बेहडा जिला मोहली निवासी दुल्हन के भी माता-पिता के खिलाफ मुलाना थाने में एक्ट 9, 10, 11 बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
ये था मामला
2 अगस्त 2016 को साबापुर गांव में एक नाबालिग की शादी होने की तैयारी चल रही थी। सुबह करीब 11 बजे घुड़चढ़ी हो चुकी थी और बरात जाने की तैयारी में थी। इसी दौरान बाल विवाह निषेध स्पेशल सेल अधिकारी स्थानीय पुलिस के साथ मौके पर पहुंची और दूल्हे के आयु संबंधित दस्तावेज चेक किए गए। इसमें दूल्हे का जन्म वर्ष 1999 था जिसके मुताबिक उसकी आयु 21 साल से कम थी। ऐसे में अधिकारियों ने यह शादी रुकवा दी। दूल्हे के पिता ने अधिकारियों को लिखित में बयान दिए कि 21 साल का होने पर ही वह बेटे की शादी करेगा।
रात में लिए गए सात फेरे
सुबह जब बरात विदा नहीं हुई तो गांव में चर्चाएं होने लगी। खुद को बेइज्जत होने से बचाने के लिए रात के समय फिर से बरात निकाली गई, लेकिन इस बार गांव में भी किसी को इसकी भनक तक नहीं लगने दी गई। बरात गांव फतेहपुर बेहडा जिला मोहाली में गई और रातों-रात कुछ घंटे में शादी पूरी कर तड़के पांच बजे से पहले वापस गांव में आ गई। एक सामाजिक कार्यकर्ता को शादी होने की भनक लगी तो उसने शिकायत दी, जिसके बाद टीम ने मौके पर आकर मुआयना भी किया, लेकिन उन्हें साबापुर गांव में दुल्हन नहीं मिली।
ऐसे खुला राज
इसी साल जुलाई माह में शिकायतकर्ता को पता लगा कि दुल्हन अपनी ससुराल साबापुर गांव में ही रह रही है। उसने अपने स्तर पर जांच की तो पता लगा कि वह गर्भवती है और कुछ दिन पूर्व ही अपने मायके वापस गई है। इसके बाद कुरुक्षेत्र निवासी सामाजिक कार्यकर्ता ने 5 जुलाई को इसकी शिकायत एसपी अभिषेक जोरवाल के पास की।
उन्होंने इस मामले को पंचकूला स्पेशल सेल में भेज दिया। वहां से जब जांच की गई तो शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए सुबूत सही पाए, जिसके बाद ही जांच टीम ने मामले में केस दर्ज करने के लिए सिफारिश की।