मौसम की मार के बाद मुआवजे की आस, 600 किसानों ने किया आवेदन
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर तीन दिन की बरसात से किसानों की धान की फसल को कतीन दिन की बरसात से किसानों की धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। मौसम की मार के बाद अब किसानों को मुआवजे की आस है। इसको लेकर खेतों में बिछी फसल से हुए नुकसान को लेकर राजस्व विभाग गिरदावरी चल रही है। वहीं, जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्रीमियम जमा करवा रखा है, वह बरसात रूकते ही मुआवजा मांगने आगे आने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर
तीन दिन की बरसात से किसानों की धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। मौसम की मार के बाद अब किसानों को मुआवजे की आस है। इसको लेकर खेतों में बिछी फसल से हुए नुकसान को लेकर राजस्व विभाग गिरदावरी चल रही है। वहीं, जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्रीमियम जमा करवा रखा है, वह बरसात रूकते ही मुआवजा मांगने आगे आने लगे हैं। जिले में अब तक 600 किसानों ने इस योजना के तहत मुआवजे के लिए आवेदन किया है। इसको लेकर कृषि विभाग द्वारा किसानों से बीमा योजना के तहत खंड स्तर पर नुकसान व मुआवजा संबंधी फार्म भराए जा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक विभाग जिले में धान का 82 हजार हैक्टेयर रकबा है। जिले में लगभग 21 हजार किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कवर दिया हुआ है। इस योजना के तहत आने वाले किसानों को खरीफ की फसल के लिए प्रति हैक्टेयर 21 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाना तय है। विभाग के मुताबिक साल 2017 में खरीफ की फसल के नुकसान के लिए 3380 किसानों को 5.40 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया था।
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विभाग, किसान व बीमा कंपनी तय करते हैं नुकसान
- जिन किसानों ने यह योजना ली हुई है उसमें विभाग द्वारा किसानों से प्रीमियम भरने होने की पुष्टि के लिए बैंक पास बुक व आधार कार्ड लेकर एक नंबर फार्म भरवाया जाता है। इसके बाद कृषि विभाग के खंड स्तर के अधिकारी, बीमा कंपनी प्रतिनिधि व खुद किसान की तीन सदस्यीय कमेटी नुकसान का आंकलन करती है।
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खंड स्तर पर बनाई गई हैं हेल्प डेस्क
- जिन किसानों ने बीमा योजना में प्रीमियम भरा हुआ है उनके लिए खंड स्तर पर अंबाला खंड-1, अंबाला खंड-2, साहा, बराड़ा, शहजादपुर और नारायणगढ़ में कृषि विभाग के कार्यालय में स्टेट बैंक आफ इंडिया की जनरल बीमा कंपनी द्वारा हेल्प डेस्क बनाए गए हैं। बरसात रूकने के 48 घंटे के अंदर यह फार्म भरे जाने हैं
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फोटो- 25
करीब 35 फीसद फसल बिछी हुई है लेकिन यह पूर्ण नुकसान नहीं
- कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. गिरीश नागपाल के मुताबिक जो फसल कटने की कगार पर थी उसमें नुकसान है और जिस फसल को पकने में समय लगना है उसमें पानी आया और निकल गया तो नुकसान नहीं है। सोमवार तक 30 से 35 फीसद तक ऐसा कृषि क्षेत्र था जिसमें फसल बिछी हुई थी। इसमें कुछ फसल पानी निकलने के बाद रिकवर हो जाएगी। ऐसे में अभी इसे एकदम सटीक नुकसान नहीं मान सकते।
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फोटो- 26
अलग से कोई गिरदावरी नहीं हो रही, रूटीन की चल रही है
- अतिरिक्त उपायुक्त शक्ति ¨सह के मुताबिक राजस्व विभाग की रूटीन की गिरदावरी चल रही है और कोई स्पेशल रिकवरी नहीं है। इस गिरदावरी पर जो सरकार का निर्णय होगा वह लागू कर दिया जाएगा। हालांकि, जिले में लगभग 95 फीसद किसान तो बीमा कवर में आते ही हैं।