विवाद के बीच 4 माह बाद प्रशासन ने तोड़ा एसए जैन प्रिसिपल कार्यालय का ताला
शहर के सबसे प्रतिष्ठित स्कूलों में शामिल एसए जैन सीनियर सेकेंडरी स्कूल प्रिसिपल कक्ष पर लगे ताले को प्रशासन ने चार माह बाद शुक्रवार को तोड़ दिया। ड्यूटी मजिस्ट्रेट विक्रम अग्रवाल की अगुवाई में पुलिस ने ताला तुड़वाया। लेकिन यहां से किसी भी प्रकार की नकदी नहीं मिली। इससे पहले माना जा रहा था कि प्रिसिपल कार्यालय के भीतर 30 लाख रुपये से ज्यादा नकदी रखी है। इस कार्रवाई की बाकायदा वीडियोग्राफी भी करवाई गई। प्रशासनिक अधिकारी ने ताला तुड़वाने के बाद चार्ज एडहॉक कमेटी को सौंप दिया।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : शहर के सबसे प्रतिष्ठित स्कूलों में शामिल एसए जैन सीनियर सेकेंडरी स्कूल प्रिसिपल कक्ष पर लगे ताले को प्रशासन ने चार माह बाद शुक्रवार को तोड़ दिया। ड्यूटी मजिस्ट्रेट विक्रम अग्रवाल की अगुवाई में पुलिस ने ताला तुड़वाया। लेकिन यहां से किसी भी प्रकार की नकदी नहीं मिली। इससे पहले माना जा रहा था कि प्रिसिपल कार्यालय के भीतर 30 लाख रुपये से ज्यादा नकदी रखी है। इस कार्रवाई की बाकायदा वीडियोग्राफी भी करवाई गई। प्रशासनिक अधिकारी ने ताला तुड़वाने के बाद चार्ज एडहॉक कमेटी को सौंप दिया। हालांकि अभी यह मिलान नहीं किया गया कि स्कूल प्रिसिपल कार्यालय के कक्ष से क्या-क्या रिकार्ड बरामद हुआ और वहां-क्या-क्या होना चाहिए था।
इससे पहले दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर डीसी के आदेशों पर कार्रवाई करते हुए ड्यूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार विक्रम अग्रवाल स्कूल में पहुंचे। बता दें कि 12 दिसंबर को स्कूल प्रिसिपल उस समय अपने कार्यालय पर ताला लगाकर निकल गए थे जब एडहॉक कमेटी उनसे चार्ज लेने स्कूल में पहुंची थी। इसके बाद से लेकर अब तक एडहॉक कमेटी ताला खुलवाने के लिए तमाम अधिकारियों से गुहार लगा चुकी थी। वहीं पूर्व प्रिसिपल नीरज बाली के आरोप हैं कि वह रिकार्ड और चाबी देने के लिए खुद तैयार थे लेकिन बार-बार कहने के बावजूद उनसे चाबी नहीं ली गई। यह था मामला
दरअसल अंबाला शहर के ठाकुर सिंह सैनी ने शिक्षा निदेशालय को शिकायत कर कहा था कि एसए जैन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में वित्तीय अनियमितताएं बरती जा रही हैं। इतना ही नहीं एक ही प्रागंण में दो स्कूलों को गैर कानूनी तरीके से चलाया जा रहा है। इस मामले में डीईओ की जांच में आरोप सही पाए गए। इसके बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा विभाग ने स्कूल में 11 अक्टूबर 2018 को पुन: एसडीएम अंबाला शहर को प्रशासक नियुक्त कर दिया था। इससे पहले भी 10 दिन के लिए स्कूल में प्रशासक नियुक्त किया था। 3 दिसंबर को फिर से अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा विभाग ने आर्डर जारी करते हुए नीरज बाली को प्रिंसिपल पद से हटाने और विद्यालय का कार्यभार एडहॉक कमेटी के कन्वीनर मनोज जैन को सौंपने के आदेश दिए थे। साथ ही साथ उन्होंने यह भी निर्देश दिए थे कि एडहॉक कमेटी को सारा रिकार्ड सुपुर्द कर दिया जाए। लेकिन 12 दिसंबर को ही तत्कालीन प्रिसिपल अपने कार्यालय के बाहर नोटिस चस्पा कर ताला लगाकर चले गए थे। नोटिस में लिखा था कि प्रशासक द्वारा जारी आदेश स्पष्ट नहीं है। इसीलिए उन्होंने कई बिदुओं को उठाते हुए स्पष्टता मांगी थी। इसके बाद से आज तक उनके कार्यालय के बाहर ताला लगा था। मुझसे रिकार्ड ले लिए जाएं : नीरज बाली
पूर्व प्रिंसिपल नीरज बाली ने बताया कि उन्होंने सभी अफसरों को लिखकर दे चुका था कि मुझसे रिकार्ड ले लिया जाए। मेरी अगुवाई में वीडियोग्राफी करवाते हुए ताले को खोला जाए। इतना ही नहीं इस विषय में मैंने जिला फर्म एंड सोसायटी रजिस्ट्रार से आरटीआइ के तहत जानकारी भी मांगी थी कि मैंने चार्ज देने के लिए जो याचिका लगाई थी उस पर क्या कार्रवाई हुई। लेकिन इसका कोई जवाब मुझे नहीं दिया गया। इतना ही नहीं मेरी शिकायत की जांच में जिला रजिस्ट्रार ने एडहॉक कमेटी को इस बात के लिए दोषी भी पाया था। एडहॉक कमेटी केवल इसीलिए मुझसे रिकार्ड नहीं लेना चाहती थी ताकि वह इसी आड़ में अपना कार्यकाल बढ़वाते रहें और चुनाव टाले जा सकें। 12 दिसंबर को एडहॉक कमेटी लगने के बाद 15 दिसंबर को एडहॉक कमेटी के साथ दिनेश जैन गगन स्कूल आए थे और रिकार्ड खुद-बुर्द किया। इसकी शिकायत भी मैंने ईमेल के माध्यम से तमाम अधिकारियों से कर दी लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इतना ही नहीं 16 फरवरी को भी कैमरे बंद कर मेरे कार्यालय का ताला खोला गया।