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नगर निगम की बैठक में 80 करोड़ का बजट पास

अंबाला शहर की नगर निगम की वीरवार को हुई पहली बैठक हंगामेदार रही। सफाई और विकास के नाम पर घोटालों की बू को लेकर पार्षदों ने अफसरों को घेरा और कोई भी टेंडर सदन की सहमति बिना नहीं डालने की बात कही।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 06:45 AM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 06:45 AM (IST)
नगर निगम की बैठक में 80 करोड़ का बजट पास

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : अंबाला शहर की नगर निगम की वीरवार को हुई पहली बैठक हंगामेदार रही। सफाई और विकास के नाम पर घोटालों की बू को लेकर पार्षदों ने अफसरों को घेरा और कोई भी टेंडर सदन की सहमति बिना नहीं डालने की बात कही। साथ ही पार्षदों ने कहा कि अब तक हुए टेंडरों के तहत जो विकास कार्य हुए हैं, उनका पूरा विवरण पार्षदों को दिया जाए। करीब चार घंटे की बैठक दो पारी में हुई।

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पहली पारी में पार्षदों ने सफाई, सीवरेज, पानी निकासी जैसे मुद्दों पर अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठाए तो दूसरी पारी में 86 करोड़ 57 लाख 7 हजार 581 रुपये का बजट पास करवाने में अफसरों के पसीने छूट गए। पार्षद अड़ गए कि बजट को 48 घंटे पहले भेजना चाहिए था। अब टेबल पर चंद मिनटों में बजट पढ़कर कैसे चर्चा करें। निगम आयुक्त पार्थ गुप्ता और कार्यकारी अधिकारी जरनैल सिंह ने बजट में एक-एक प्वाइंट को विस्तार से स्लाइड के माध्यम से बताया। बावजूद पार्षद बाद में बैठक करने के लिए अड़े रहे और फिर दस पार्षदों ने हाथ उठाकर बजट बाद में पास करने के लिए अपनी सहमति दी।

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मेयर और कमिश्नर एक साथ पहुंचे

बैठक भले ही हंगामेदार रही, लेकिन अहम पहलू यह रहा कि आयुक्त और मेयर दोनों बैठक में एक साथ पहुंचे। दोनों की सहमति से सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया। हालांकि 19 पार्षदों में से कांग्रेस के मिथुन वर्मा और विजय कुमार टोनी मुद्दों को उठाने में सबसे आगे रहे। ऐसे में महिला पार्षदों ने आपत्ति उठाते हुए कहा कि हमें भी बोलने दिया जाए और नगर निगम आयुक्त ने भी हस्तक्षेप किया। 20 में से 19 पार्षद मौजूद रहे, जबकि एक पार्षद हाल ही में मुकदमे में नामजद होने के कारण बैठक में शामिल नहीं हुईं।

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सदन में बजट पास, बाहर दोबारा बैठक की बात कही

नगर निगम की बैठक में करीब 86 करोड़ रुपये के बजट पर चर्चा शुरू हुई तो पार्षदों ने कुछ ही देर के बाद आपत्ति उठा दी। पार्षदों का कहना है कि बजट को स्टडी करने के लिए समय चाहिए, जबकि कम से कम दो दिन पहले यह दिया जाना चाहिए था। ऐन मौके पर बजट की कापी दी है तो कैसे इस पर चर्चा कर सकते हैं। आयुक्त ने भी इसको लेकर पार्षदों की राय जाननी चाहिए। दस पार्षदों ने दोबारा बैठक के लिए अपने हाथ उठाए, लेकिन बैठक में बजट पास कर दिया गया। बैठक से बाहर निकलते ही पार्षदों ने मेयर व आयुक्त को घेर लिया। यहां पर आयुक्त ने कहा कि पार्षद लिखित में दें तो विचार किया जाएगा।

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विकास कार्यो के लिए फंड बढ़ाया

18 फरवरी की बैठक में जहां हर वार्ड पार्षद को 25-25 लाख रुपये छोटे मोटे कार्यों के लिए देने की बात उठी थी, वहीं वीरवार को हुई बैठक में पार्षदों ने मांग उठाई की हर वार्ड में विकास कार्यों के लिए पार्षद को 50-50 लाख रुपये का फंड दिया जाए। इस पर सभी पार्षदों ने सहमति जता दी। इसे पास कर दिया गया।

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अफसरों की कोठियों में कर रहे हैं सफाई कर्मी

हर वार्ड में सफाई कर्मचारियों की संख्या को लेकर भी बैठक में पार्षदों ने सवाल उठाया। पार्षदों ने साफ कहा कि कई सफाई कर्मचारी जहां अफसरों की कोठियों में काम कर रहे हैं, वहीं कई हुडा में भी हैं। इन सभी कर्मचारियों को वापस बुलाकर वार्डाें में लगाया जाए।


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