राफेल के पार्ट्स की गुणवत्ता जांचने वाले इंस्ट्रूमेंट बनाना चाहती हैं कंपनियां
अभी तक अंबाला की साइंस मार्केट में मिराज जगुआर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट ब्रह्माोस और अग्नि मिसाइल के पार्ट्स की गुणवत्ता जांचने के लिए अंबाला में इंस्ट्रूमेंट्स बनते रहे हैं। अब यहां की कंपनियों की राफेल के पार्ट्स की गुणवत्ता जांच पर भी नजरें टिकी गई हैं।
अवतार चहल, अंबाला शहर
अभी तक अंबाला की साइंस मार्केट में मिराज, जगुआर, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट, ब्रह्माोस और अग्नि मिसाइल के पार्ट्स की गुणवत्ता जांचने के लिए अंबाला में इंस्ट्रूमेंट्स बनते रहे हैं। अब यहां की कंपनियों की राफेल के पार्ट्स की गुणवत्ता जांच पर भी नजरें टिकी गई हैं। इसके चलते फ्रांस की डैसॉल्ट एविएशन लिमिटेड की ओर से देश में चुनी 70 कंपनियों में से नौ से संपर्क साधा जा चुका है। साइंस उद्यमी डा. अनिल जैन ने बताया कि फ्रांस से राफेल को लेकर डील हुई थी। खास बात यह है कि इसके पार्ट्स इंडिया में ही बनेंगे। इसके लिए फ्रांस ने देश की 72 कंपनियों को सक्षम होने पर चुना था, जो अलग पार्ट्स बनाएंगी। इन कंपनियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। अंबाला की कंपनी वैशेषिका इलेक्ट्रॉन डिवाइसेस ने भी सक्षम नौ कंपनियों से संपर्क साधा है, जिन्हें इलेक्ट्रॉनकि इंस्ट्रूमेंट और स्टैंडर्ड सप्लाई किए जाएंगे। जो आने वाले समय में राफेल के कंपोनेंट बनाएंगे या टेस्ट करेंगे।
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-अभी तक यह बनाए गए
अंबाला की वैशेषिका इलेक्ट्रॉन डिवाइसेस की ओर से अभी तक डिजिटल इमेज कैप्चरिग एंड एनालिसिस सिस्टम, एयरक्राफ्ट के कॉकपिट में गेज के लिए तापमान अंशांकन मानक, 250 टन तक की लोड सेल के लिए बल अंशांकन क्षमता और लोड सेल स्टेटिक टेस्ट बेड फेसिलिटी के लिए मेकेनिकल कंपोनेंट बनाए जा चुके हैं।
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-इन कंपनियों से संपर्क
ब्रह्माोस एयरोस्पेस लिमिटेड, त्रिवेंद्रम, तनेजा एयरोस्पेस एंड एविएशन लिमिटेड, श्रीपेरंबुदूर में विशय प्रिसिजन लिमिटेड, बैंगलोर में हनीवेल लिमिटेड, जीई प्रौद्योगिकी केंद्र, भारतीय वायुसेना के बेस रिपेयर डिपो की केंद्रीय अंशांकन प्रयोगशाला (केलीब्रेशन लेबोरेटरी), भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठनों की चार प्रयोगशालाओं, बंगलौर स्थित एयरक्राफ्ट डिजाइन एंड डेवलपमेंट सेंटर, हिदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की कोरवा और मिसाइल स्टैटिक टेस्ट बेड।