बीत गए 25 साल : कानून के लंबे हाथों से मोस्ट वांटेड आतंकी पुरुषोत्तम सहित 184 भगोड़े दूर
प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज होते ही पुलिस के कागजों में दफन मोस्ट वांटेड अपराधियों की फाइलें भी हिलने लगी हैं। इनमें मोस्ट वांटेड आतंकवादी पुरुषोत्तम सिंह भी शामिल है। एक लाख रुपये का इनाम घोषित होने के बाद कानून के लंबे हाथ आज तक पुरुषोत्तम सिंह तक नहीं पहुंच पाए।
दीपक बहल, अंबाला शहर
प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज होते ही पुलिस के कागजों में दफन मोस्ट वांटेड अपराधियों की फाइलें भी हिलने लगी हैं। इनमें मोस्ट वांटेड आतंकवादी पुरुषोत्तम सिंह भी शामिल है। एक लाख रुपये का इनाम घोषित होने के बाद कानून के लंबे हाथ आज तक पुरुषोत्तम सिंह तक नहीं पहुंच पाए। कुल 184 भगोड़ों की सूची अंबाला पुलिस ने पंजाब और हिमाचल पुलिस के अफसरों को सौंपी है। सोमवार को हरियाणा, पंजाब और हिमाचल पुलिस के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में भी इन अपराधियों की सूची का आदान प्रदान किया गया। तय हुआ विधानसभा चुनाव में मतदान से 48 घंटे पहले दोनों राज्यों की सीमा पर बने शराब ठेके बंद होंगे।
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पूर्व सीएम भजन लाल की हत्या की रची थी साजिश सन 1995 से भगोड़ा पुरुषोत्तम गांव मटेहडी शेखां का रहने वाला है। नग्गल पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था, जबकि पुलिस को 1995 से पुरुषोत्तम सिंह की तलाश है। उस पर हत्या के साथ तत्कालीन सीएम भजनलाल की हत्या करने की साजिश रचने का भी आरोप है। देश छोड़कर पुरुषोत्तम सिंह भागने में कामयाब रहा। अब तक पुलिस को उसका सुराग नहीं लग पाया। हालांकि पुलिस को शक है कि पुरुषोत्तम विदेश में छिपा हुआ है। काफी समय पहले पंजाब पुलिस को सबूत मिले थे कि पुरुषोत्तम अपने परिवार के संपर्क में है। पुरुषोत्तम अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है, जबकि पुलिस ने उस पर एक लाख रुपए का इनाम रखा हुआ है।
-------------- लोगों के खून पसीने की कमाई डकारने वाले 70 शातिरों की तलाश लोगों के खून पसीने की कमाई और फर्जीवाड़ा कर फरार हो गए कभी गिरफ्तार भी नहीं हुए आरोपितों की तादाद लंबी है। इन शातिरों ने जनता की कमाई को बड़ी ही सफाई से उड़ा दिया और पीड़ित इसका खामियाजा भुगतते रहे। ताज्जुब की बात है कि 25-25 साल पुराने भगौड़े भी पुलिस के हत्थे आज तक नहीं चढ़ पाए। पुलिस इन आरोपितों की तलाश के लिए घरों में छापामारी तो करती है, लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई।
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भगोड़ा घोषित करने के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरती है पुलिस मुकदमा दर्ज होने के बाद जो कभी भी गिरफ्तार न हो पाए, उन्हें भगोड़ों की सूची में शामिल किया जाता है। पुलिस मामला दर्ज कर इन आरोपितों की तलाश करती है। यदि वह तमाम प्रयासों के बावजूद गिरफ्तार न हों तो कोर्ट में इन्हें भगोड़ा घोषित करने की कार्रवाई शुरू की जाती है। इससे पहले पुलिस इन आरोपितों के घरों के बाहर इश्तिहार चिपकाती है।
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8 हत्यारे भी अंबाला के भगोड़े
पुलिस के रिकार्ड पर गौर करें, तो हत्या जैसी संगीन वारदात को अंजाम देने वाले 8 हत्यारों को पुलिस पकड़ नहीं पाई। इन अपराधियों ने नग्गल, अंबाला शहर, नारायणगढ़, बराड़ा, पड़ाव थाना क्षेत्र में वारदातें की हैं। पीड़ित परिवारों को इंसाफ क्या मिलना आज तक आरोपित ही पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके।