बिजली की सप्लाई कम और रेट डबल हुए : चित्रा
गर्मी के बीते दो माह में खराब बिजली आपूर्ति पर कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। बृहस्पतिवार को कांग्रेस ने बिजली की खरीद और उसके बेचने के आंकड़े जारी कर सरकार को घेरा।
जागरण संवाददाता, अंबाला : गर्मी के बीते दो माह में खराब बिजली आपूर्ति पर कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। बृहस्पतिवार को कांग्रेस ने बिजली की खरीद और उसके बेचने के आंकड़े जारी कर सरकार को घेरा। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव चित्रा सरवारा ने बृहस्पतिवार को बयान जारी कर सरकार पर बिजली बेचने का आरोप भी लगाया। चित्रा ने कहा कि साल 2005 में जब हरियाणा में कांग्रेस सरकार के राज में बिना किसी वायदे के बिजली की समस्या समाधान करने के लिए पांच थर्मल प्लांट हरियाणा में लगाए थे जो सरप्लस बिजली पैदा कर रहे थे। लेकिन आज थर्मल प्लांट बंद पड़े हुए हैं तो कुछ में आए तकनीकी फॉल्ट को दुरुस्त नहीं कराया जा रहा है। इसीलिए यह यूनिट बंद पड़ी हुई है। इसीलिए प्रदेश में बिजली का संकट है और 24 घंटे बिजली दम बेदम है।
दो रुपये का हो रहा है मुनाफा
चित्रा ने कहा कि महंगी बिजली होने पर सरकार और बिजली निगम तर्क देता है कि ट्रांसमिशन घाटा के साथ-साथ खर्च बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि 10 प्रतिशत ट्रांसमिशन घाटा और खर्चे माना लिया जाएं तो भी लागत 5 रुपये 46 पैसे बैठती है। लेकिन सरकार 7 रुपये 5 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली बेच रही है। इसका मतलब यह है कि सरकार को सीधे तौर पर दो रुपये का मुनाफ हो रहा है।
बिजली सस्ती लेकिन बेची जा रही है महंगी
साल खरीद मूल्य बेचने का मूल्य यूनिट
2014-15 4 रुपये 56 पैसे 6 रुपये 15 पैसे
2015-16 4 रुपये 41 पैसे 6 रुपये 75 पैसे
2016-17 4 रुपये 53 पैसे 6 रुपये 75 पैसे
2017-18 4 रुपये 86 पैसे 6 रुपये 75 पैसे
2018-19 4 रुपये 96 पैसे 7 रुपये 05 पैसे