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निगम अफसरों की लापरवाही : विधायक के शिलान्यास के बाद भी अटका स्वागत द्वार

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर अंबाला शहर के विधायक असीम गोयल ने गुरुद्वारा मंजी साहिब के स्वागत द्वार का शिलान्यास तो किया लेकिन यह परियोजना निगम अफसरों की लापरवाही से खटाई में पड़ गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 May 2019 09:20 AM (IST)Updated: Sun, 19 May 2019 09:20 AM (IST)
निगम अफसरों की लापरवाही : विधायक के शिलान्यास के बाद भी अटका स्वागत द्वार
निगम अफसरों की लापरवाही : विधायक के शिलान्यास के बाद भी अटका स्वागत द्वार

जागरण संवाददाता, अंबाला : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर अंबाला शहर के विधायक असीम गोयल ने गुरुद्वारा मंजी साहिब के स्वागत द्वार का शिलान्यास तो किया लेकिन यह परियोजना निगम अफसरों की लापरवाही से खटाई में पड़ गई। करीब डेढ़ साल बाद भी यह परियोजना एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई। निगम अफसरों ने एनएचएआइ की जमीन पर स्वागत द्वार बनाने के लिए नींव खोद दी। अभी कार्य शुरू भी नहीं हुआ था कि एनएचएआई ने काम काम रूकवा दिया। एनएचएआई का तर्क है कि जिस जमीन पर गेट का बेसमेंट बनाया जा रहा है वह जमीन निगम की नहीं है। ऐसे हालात में निगम के पास दूसरा कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा। जहां से निगम की जमीन शुरू होती है वहां मकान बना हुआ है। अगर गेट की लोकेशन बदली जाती है तो न केवल प्रोजेक्ट की ड्राइंग बदलनी पड़ेगी बल्कि बजट पर भी बदलाव हो सकता है। यदि स्वागत द्वार को आगे निगम की जमीन की तरफ सरका भी दिया जाए तो गेट वाहनों के लिए आफत बन सकता है। यह अहम योजना निगम के अफसरों के लिए सिरदर्द बन चुकी है। हालांकि, निगम और एनएचएआइ के अधिकारियों के बीच इस मुद्दे पर बातचीत हुई लेकिन एनएचएआई ने एनओसी देने से इंकार कर दिया है।

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एनओसी के लिए नहीं मिली राहत

इस परियोजना का शिलान्यास शहर विधायक असीम गोयल ने 26 दिसंबर 2017 को पांच अन्य परियोजनाओं के साथ किया था। इसके अलावा मंजी साहिब गुरुद्वारा के सामने पार्किंग का भी शिलान्यास किया गया था। निगम के अफसरों ने यहां शिलान्यास भी करवा दिया और गेट की ड्राइंग भी तैयार करवा ली लेकिन यह देखना भूल गए कि गेट के निर्माण करने के लिए उनके पास अपनी जगह ही नहीं है। सूत्रों के मुताबिक इस मामले में एनएचएआइ से एनओसी लेने के लिए गुरुद्वारा के प्रतिनिधि भाजपा के एक पदाधिकारी के साथ स्थानीय कार्यालय भी गए थे। हालांकि, एनएचएआई के अधिकारी निर्मल सिंह ने इस मामले में राहत देने से इंकार कर दिया था।

निगम के पास जमीन नहीं थी फिर भी अलाट किया टेंडर

नगर निगम अफसरों ने जमीन ही चिन्हित करने में लापरवाही नहीं बरती बल्कि आनन फानन में इसका टेंडर भी कर दिया। टेंडर अलाट होने के बाद जैसे ही ठेकेदार ने नींवों के लिए खोदाई शुरू की तो एनएचएआइ ने अपनी आपत्ति जाहिर कर दी। अंबाला-लुधियाना नेशनल हाईवे की सर्विस लेन के साथ साथ बने नाले के पास ही नींव के लिए गड्ढे खोदे गए हैं, जिन्हें अब मजबूरन निगम को ही भरना पड़ेगा। वहीं, इस पूरे प्रोजेक्ट के अटकने से गुरुद्वारा से जुड़े लोगों में भी मायूसी है।

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