पिता ने पार्ट टाइम ई-रिक्शा चला बेटे को पढ़ाया, बेटे ने टॉपर बन उतारा कर्ज
कॉमर्स में 96.4 लेकर टॉपर बने अंकुर जैन के चेहरे पर जितनी खुशी दिखाई दे रही थी वहीं इस मुकाम तक पहुंचाने में उससे कई ज्यादा मेहनत उनके पिता संजय कुमार की साफ दिखाई दे रही थी।
अंशु शर्मा, अंबाला
कॉमर्स में 96.4 लेकर टॉपर बने अंकुर जैन के चेहरे पर जितनी खुशी दिखाई दे रही थी, वहीं इस मुकाम तक पहुंचाने में उससे कई ज्यादा मेहनत उनके पिता संजय कुमार की साफ दिखाई दे रही थी। जिन्होंने दिन में ना केवल कंफेक्शनरी की दुकान चलाई व शाम के समय पार्ट टाइम ई-रिक्शा चलाकर दो बड़ी बेटियों को पढ़ाया संग बेटे अंकुर को इस मुकाम तक पहुंचाया। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने पर कर्ज भी लिया और कभी कोई परेशानी आने नहीं दी। दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में जैन गर्ल्ज सीनियर सेकेंडरी स्कूल रायमार्केट के छात्र अंकुर जैन ने बताया कि टॉपर बनकर पहला कर्ज तो उतार दिया है। केवल इस बात की टिस है कि पिता उसके कारण कर्जदार हुए है वो हर कर्ज वह खुद उतार सके। अंकुर जैन ने टॉपर बनने का श्रेय अपने शिक्षकों के अलावा गृहिणी मां बबीता जैन को भी दिया। दिन हो या फिर रात जब भी वह पढ़ाई करने के लिए बैठता था तो मां हमेशा ही पास बैठ जाती थी। कभी भी किसी चीज की कमी नहीं खलने दी। अंकुर ने बताया कि एक समय था कि पिता की तबीयत बिगड़ने के कारण परिवार की स्थिति काफी खराब हो गई थी, कर्ज लेकर मकान बनाया उसमें भी भारी नुकसान हो गया। फिर भी माता-पिता ने हौंसला नहीं हारा।