‘योगेश’ बन गया ‘मानवी’: बचपन से ही था लड़कियों की तरह रहने का शौक
‘मैं अब स्त्री बनकर जीना चाहती हूं, किन्नर बनकर नहीं। बचपन से अब तक का 30 साल का समय मैंने अपनी इच्छाओं को मारते हुए गुजारा। लेकिन, अब मैं सेक्स चेंज कराकर लड़की बन गई हूं।’
वडोदरा। ‘मैं अब स्त्री बनकर जीना चाहती हूं, किन्नर बनकर नहीं। बचपन से अब तक का 30 साल का समय मैंने अपनी इच्छाओं को मारते हुए गुजारा। लेकिन, अब मैं सेक्स चेंज कराकर लड़की बन गई हूं।’... ये कहना है वडोदरा के ‘लक्ष्य ट्रस्ट’ में बतौर प्रोजेक्ट मैनेजर योगेश उर्फ मानवी का। योगेश पिछले कई सालों से लगातार हॉस्पिटल के चक्कर लगा रहा था। मंगलवार को उसकी सफल सर्जरी हो गई।
‘भरूच के खोबला गांव में मेरा जन्म एक लड़के के रूप में हुआ। मेरा नाम योगेश रखा गया था। परिवार में बहुत खुशी थी और घरवालों को मुझसे बहुत सारी अपेक्षाएं थीं। शुरुआत के 4-5 साल तो सबकुछ नॉर्मल रहा, लेकिन इसके बाद मुझमें शारीरिक बदलाव आने लगे। मुझे शर्ट-पैंट नहीं, बल्कि फ्रॉक पहनना पसंद था। मैं अक्सर लड़कियों के कपड़े ही पहनती थी। इससे मेरे परिजन मुझ पर बहुत गुस्सा होते थे। लेकिन, मैं तो खुद को लड़की ही मानती थी। हां, मुझे घरवालों की मर्जी के चलते अपनी हाईस्कूल से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई लड़के के रूप में ही करनी पड़ी।’