पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट की याचिका खारिज
इस याचिका में 22 साल पुराने एक मामले में संजीव भट्ट की गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी।
नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात कैडर के बर्खास्त आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट की याचिका गुरवार को खारिज कर दी। इस याचिका में 22 साल पुराने एक मामले में संजीव भट्ट की गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी। भट्ट पर आरोप है कि उन्होंने एक वकील को ड्रग्स के झूठे मामले में फंसाया था। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई तथा जस्टिस एसके कौल और केएम जोसेफ की पीठ ने कहा कि अर्जी गुजरात हाई कोर्ट में लगाई जा सकती है।
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया था कि हिरासत में भट्ट को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर करने के लिए जरूरी दस्तावेजों पर दस्तखत नहीं करने दिया जा रहा है, इसलिए उन्हें यह याचिका दाखिल करनी प़़डी है। भट्ट तथा सात अन्य लोगों जिनमें बनासकांठा पुलिस के कुछ कर्मी भी शामिल हैं को शुरुआत में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। पुलिस के मुताबिक, भट्ट 1997 में जब बनासकांठा के पुलिस अधीक्षक थे, उस समय वहां की पुलिस ने सुमेरसिंह राजपुरोहित नामक एक वकील को करीब एक किलोग्राम ड्रग्स बरामदगी के मामले में गिरफ्तार किया था।
बनासकांठा पुलिस ने आरोप लगाया था कि ये ड्रग्स जिले के पालनपुर स्थित एक होटल के कमरे से बरामद हुए, जहां राजपुरोहित ठहरे थे। हालांकि राजस्थान पुलिस की जांच में सामने आया कि बनासकांठा पुलिस ने राजपुरोहित को पाली (राजस्थान) स्थित एक विवादित संपत्ति के हस्तांतरण के लिए मजबूर करने की नीयत से उन्हें झूठा फंसाया था। यह भी आरोप था कि बनासकांठा पुलिस ने राजपुरोहित का उनके पाली स्थित आवास से अपहरण भी किया था। राजस्थान पुलिस की जांच के बाद बनासकांठा के पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर आईबी व्यास ने 1999 में गुजरात हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मामले की विस्तृत जांच की मांग की।
इस साल जून में हाई कोर्ट ने मामले की जांच सीआईडी को सौंपते हुए तीन महीने में जांच पूरा करने का निर्देश दिया था। भट्ट को बिना अनुमति अपनी ड्यूटी से अनुपस्थिति रहने तथा अपने पद का दुरपयोग करने के लिए 2011 में निलंबित किया गया और अगस्त, 2015 में बर्खास्त कर दिया। भट्ट की पत्नी श्वेता ने 2012 में अहमदाबाद की मणिनगर विधानसभा सीट से नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव भी ल़़डा था, जिसमें वह हार गई थीं।