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समलैंगिकों के लिए वृद्धाश्रम

शहर के राजपीपला में हनुमंतेश्वर मंदिर के पास एशिया का पहला समलैंगिक वृद्धाश्रम बनाया जा रहा है। इस वृद्धाश्रम में करीब 50 समलैंगिकों के रहने की व्यवस्था होगी। इसके साथ आश्रम में मनोरंजन व स्विमिंग पूल की सुविधाएं भी होंगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 26 Apr 2016 05:54 AM (IST)Updated: Tue, 26 Apr 2016 05:56 AM (IST)

वडोदरा। शहर के राजपीपला में हनुमंतेश्वर मंदिर के पास एशिया का पहला समलैंगिक वृद्धाश्रम बनाया जा रहा है। इस वृद्धाश्रम में करीब 50 समलैंगिकों के रहने की व्यवस्था होगी। इसके साथ आश्रम में मनोरंजन व स्विमिंग पूल की सुविधाएं भी होंगी। वृद्धाश्रम का निर्माण 15 एकड़ जमीन में हो रहा है।

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- इस आश्रम का निर्माण राजपीपला के गे प्रिंस मानवेंद्र सिंह करवा रहे हैं।
- 2011 में कार्ला फाइन नामक अमेरिकन महिला ने इस आश्रम के लिए भूमि-पूजन किया था।
- फिलहाल यहां चार रुम की व्यवस्था है। आने वाले कुछ दिनों में यहां 25 से 30 कमरे बनाए जाएंगे।

पूरे भारत में समलैंगिक वृद्धाश्रम बनने चाहिए: मानवेंद्र सिंह
इस मौके पर मानवेंद्र सिंह ने कहा, मेरी दिली इच्छा है कि हमारा यह समलैंगिक वृद्धाश्रम देशभर के लोगों के लिए एक रोल मॉडल बने। ऐसे आश्रम देश भर में बने, जिससे समलैंगिक बुजुर्गो को अपने बुढ़ापे के दौरान किसी पर निर्भर न होना पड़े।

देश-विदेश के लोग इस वृद्धाश्रम को देखने आ चुके हैं
ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, यूके, फ्रांस, जर्मनी, स्वीडन, हॉलैंड, इटली समेत कई देशों के लोग इस समलैंगिक वृद्धाश्रम को देखने आ चुके हैं।

कौन हैं मानवेंद्र सिंह
राजपीपला के ‘गे’ (समलैंगिक) प्रिंस मानवेंद्र सिंह गोहिल देश के पहले ऐसे राजकुमार हैं, जिन्होंने अपने ‘गे’ होने की बात खुद ही स्वीकार की थी। इसी के बाद से सिर्फ गुजरात ही नहीं, बल्कि अब देश-विदेश में भी उन्हें ‘गे’ प्रिंस कहा जाने लगा है।


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