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फर्जी PMO अधिकारी बनकर स्कूल में कराया अपने बच्चों का एडमिशन, शातिराना तरीके से अपराध को दिया अंजाम

वाघोडिया पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा कि पीएमओ में एक निदेशक के रूप में अपनी पहचान बताते हुए मयंक तिवारी मार्च 2022 में स्कूल और उसके ट्रस्टी के संपर्क में आए। तिवारी ने अपने दो बेटों के स्कूल में एडमिशन के लिए स्कूल से मदद मांगी। स्कूल के निदेशक ने तिवारी से ट्रस्टी से मिलने के लिए कहा। तिवारी ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर पीएमओ अधिकारी लिखा था।

By AgencyEdited By: Piyush KumarPublished: Sat, 24 Jun 2023 05:58 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jun 2023 05:58 PM (IST)
फर्जी पीएमओ अधिकारी बनकर दो व्यक्ति ने दिया अपराध को अंजाम दिया।(फोटो जागरण)

वडोदरा, पीटीआइ। अक्सर माता-पिता अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन गुजरात के वडोदा शहर के रहने वाले मयंक तिवारी ने अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए एक बड़े अपराध को अंजाम दिया। दरअसल, मामले ये है कि मयंक तिवारी, अपने दो बच्चों को प्राइवेट स्कूल में दाखिला करवाने के लिए फर्जी 'पीएमओ अधिकारी' बन गए।

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फर्जी पीएमओ अधिकारी बनकर दो आरोपियों ने किया जुर्म

बता दें कि मयंक तिवारी की गिरफ्तारी से एक महीने पहले अहमदाबाद निवासी किरण पटेल की गिरफ्तारी जम्मू कश्मीर के पांच सितारे होटल से हुई थी। उन्होंने भी मयंक तिवारी की तरह खुद को पीएमओ अधिकारी बताया था। पटेल को 3 मार्च को सुरक्षा अधिकारियों ने पकड़ लिया था। गिरफ्तारी से पहले उसने खुद को पीएमओ अधिकारी बताकर घाटी में कई तरह की विशेष सुविधाओं का आनंद उठाया था।

आरोपी ने स्कूल ट्रस्टी को दिया धोखा

वाघोडिया पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा, "नई दिल्ली में पीएमओ में एक निदेशक (रणनीतिक सलाहकार) के रूप में अपनी पहचान बताते हुए तिवारी, मार्च 2022 में स्कूल और उसके ट्रस्टी के संपर्क में आए।

तिवारी ने अपने दो बेटों के स्कूल में एडमिशन के लिए स्कूल से मदद मांगी। स्कूल के निदेशक ने तिवारी से ट्रस्टी से मिलने के लिए कहा। तिवारी ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर 'पीएमओ अधिकारी' लिखा था।"

ट्रस्टी को तिवारी ने बताया कि अगर स्कूल बच्चों की पढ़ाई के खर्चे उठाए तो उनकी मदद करता है तो वो 'पीएमओ अधिकारी' के रूप में स्कूल को शिक्षा अनुसंधान के क्षेत्र में शामिल कर सकते हैं और उन्हें विभिन्न परियोजनाएं दिला सकते हैं

प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) में कहा गया है कि चिकनी-चुपड़ी बात करने वाले ने ट्रस्टी और स्कूल के निदेशक को बड़ी रकम ठगने के इरादे से विश्वास में ले लिया। अधिकारी ने कहा कि स्कूल ने दोनों बच्चों के एडमिशन को भी स्वीकार्य कर लिया।

कई धाराओं के तहत हुए मामे दर्ज

इसके बाद ट्रस्टी को जानकारी मिली की तिवारी, पीएमओ के अधिकारी नहीं थे। तिवारी ने उन्हें धोखा दिया। स्कूल प्रशासन की शिकायत पर वाघोडिया पुलिस ने शुक्रवार को तिवारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), और 170 (एक लोक सेवक का रूप धारण करना) के तहत मामला दर्ज किया और उसे गिरफ्तार कर लिया।

बता दें कि गुजरात के अहमदाबाद की किरण पटेल के बाद तिवारी दूसरे व्यक्ति हैं, जिन्हें हाल के महीनों में पीएमओ अधिकारी होने का दावा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पटेल अपनी नकली पहचान के साथ कश्मीर घाटी की अपनी तीसरी यात्रा पर थे जब उन्हें 3 मार्च को सुरक्षा अधिकारियों ने पकड़ लिया था।


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