5000 करोड़ की लागत से विश्व स्तरीय बनेगा सूरत का रेलवे स्टेशन
सूरत रेलवे स्टेशन को पीपीपी के स्तर पर 5000 करोड़ की लागत से हाईटेक और सर्वसुविधाओं से युक्त अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन बनाने का मॉडल तैयार किया गया है। रेलवे मंत्री ने हस्ताक्षर किए।
सूरत। सूरत रेलवे स्टेशन को पीपीपी (पब्लिक, प्राइवेट और पार्टनरशिप) के स्तर पर 5000 करोड़ की लागत से हाईटेक और सर्वसुविधाओं से युक्त अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन बनाने का मॉडल तैयार किया गया है। इस मॉडल का प्रेजेटेशन पीएमओ के सामने किया गया। रेलवे मंत्री सुरेश प्रभु ने राज्य सरकार के साथ हुए इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।
36 लोगों ने टेडर भी भेज दिए
अभी जिस तरह से एमओयू साइन किया गया है, उसे देखते हुए 36 लोगों ने इसके लिए टेंडर भी भरकर भेज दिए हैं। इस प्रोजेक्ट पर बहुत ही जल्द काम शुरू हो जाएगा, इसका आश्वासन रेल मंत्री ने दिया है।
केंद्र सरकार की विशेष दिलचस्पी
सूरत रेलवे स्टेशन को और अधिक अपग्रेड तथा विश्वस्तरीय बनाने के लिए केंद्र सरकार ने विशेष रूप से दिलचस्पी दिखाई है। इस प्रोजेक्ट को साकार करने के लिए रेल मंत्री सुरेश प्रभु एवं डेप्युटी सीएम नीतिन भाई पटेल तथा सूरत के मेयर अस्मिता बेन शिरोया के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू साइन किया गया। इस दौरान रेलवे के उच्च अधिकारी, सांसद तथा विधायक भी उपस्थित थे।
देश का पहला स्टेशन बनेगा और अपनी पहचान कायम करेगा
मीडिया से बातचीत करते हुए सुरेश प्रभु ने बताया कि इस स्टेशन में यात्रियों को एक ही स्थान पर सभी तरह की सुविधाएं दी जाएंगी। रेलवे स्टेशन से ही एसटी बस, रिक्षा तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यह देश का पहला अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन होगा, जो अपनी पहचान खुद कायम करेगा।
लोग सूरत एयरपोर्ट नहीं, रेलवे स्टेशन देखने आएंगे
इस रेलवे स्टेशन के बारे में रेल मंत्री का कहना था कि जिस तरह से यह स्टेशन बनेगा, उससे यह सूरत के ही एयरपोर्ट को भी पीछे छोड़ देगा।लोग सूरत का एयरपोर्ट नहीं, बल्कि रेलवे स्टेशन देखने आएंगे।
इस रेलवे स्टेशन पर रेलवे का हिस्सा 67 प्रतिशत
इस रेलवे स्टेशन पर रेलवे का हिस्सा 67 प्रतिशत, एस.टी. का 30 और पालिका का 3 प्रतिशत हिस्सा होगा। इसे अगले 40 बरसों यानी 2055 तक की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा। 5000 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को साकार करने के लिए महापालिका, राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने पेपर पर किए गए काम को अब अमल में लाना शुरू कर दिया है। निगम द्वारा स्टेशन के लिए जमीन दी जाएगी।
-इसका मॉडल शहर के आर्किटेक्ट संजय जोशी ने बनाया है।
किसका कितना हिस्सा
63 % हिस्सा रेलव को होगा। 34 % हिस्सा एसटी निगम को होगा। 3 % SMC का होगा। पानी, ड्रेनेज पर ही 169 करोड़ ऱुपए खर्च होंगे। 36 ने इस काम को करने में दिलचस्पी दिखाई। 10 साल में काम पूरा हो जाएगा। 2.57 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में स्टेशन को विकसित किया जाएगा।
चार महीने की मेहनत रंग लाई
शहर के आर्किटेक्ट के साथ पालिका द्वारा चा महीने तक लगातार मेहनत कर मॉडल बनाया गया। इस वर्ल्ड क्लास स्टेशन के साथ ही सेवन स्टार सुविधाएं भी दी जाएंगी। 50 मंजिले आइकोनिक टॉवर खड़े किए जाएंगे। पालिका में प्रस्तुत किए गए प्रेजेंटेशन में सहरा दरवाजे से वराछा गरनाले तक का भाग अत्याधुनिक रूप से डवलप किया जाएगा। रेलवे, राज्य सरकार और पालिका के माध्यम से कुल 2.27 लाख वर्गमीटर जमीन पर रेलवे स्टेशन को विकसित किया जाएगा। इस जमीन पर एक करोड़ वर्गमीटर पर निर्माण किया जाएगा। जिसमें 50 मंजिले आईकोनिक टॉवर खड़े किए जाएंगे।
प्लेटफार्म पर सीधे वाहन ले जा सकेंगे
इस बिल्डिंग में मॉल, रेस्टारेंट, आफिस, कॉफी शॉप, स्पॉ समेत 7 स्टार लक्जीरियस सुविधाएं भी होंगी। इसकी छत पर सोलर पेनल लगाकर बिजली की बचत भी की जाएगी। योजना के अनुसार अभी के चार प्लेटफार्म को बढ़ाकर 6 किए जाएंगे। यह सभी प्लेटफार्म होरीजोंटल मूविंग वॉक तथा एस्केलेटर के साथ एक-दूसरे से कनेक्ट रहेंगे। प्लेटफार्म की लम्बाई भी 300 से बढ़ाकर 500 मीटर की गई है। सूरत रेलवे स्टेशन पर रोज दो लाख यात्री आते हैं, यानी हर घंटे 8 हजार यात्री, इसके मद्देनजर ही अगले 40 साल की आवश्यकताओं को देखते हुए इसे तैयार किया जा रहा है।
बस की सीधी कनेक्टिविटी
स्टेशन के बाहर से ही यात्री ट्रेन का बोगी नम्बर जान सकेंगे। स्टेशन के अंडरग्राउंड में 140 प्लेटफार्म का बस डिपो रेलवे स्टेशन के बाहर निकले बिना ही यात्रियों को बस की सुविधा मिलेगी। इस अलावा 100 बस खड़ी रहें, इसलिए इसकी केपिसिटी वाला डिपो भी बनाया जाएगा। यह बस स्टेंड सहरा दरवाजे से वराछा गरनाले तक के भाग में अंडरग्राउंड बनाया जाएगा। स्टेट केरेज, सिटी बस, बीआरटीएस रूट पर चलने वाली बसों की सीधी कनेक्टिविटी होगी।