सूरत के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना करेंगे अगस्टा मामले की जांच
सूरत के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना के निर्देशन में सीबीआई द्वारा एसआईटी की रचना की गई है। अस्थाना की अध्यक्षता में एसआईटी अगस्ता वेस्टलैंड सहित अन्य कई मामलों की जांच करेंगे।
सूरत। सीबीआई में नियुक्ति के बाद सूरत के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना के निर्देशन में सीबीआई द्वारा एसआईटी की रचना की गई है। गुजरात केडर के आईपीएस आफिसर राकेश अस्थाना की अध्यक्षता में एसआईटी अगस्ता वेस्टलैंड सहित अन्य कई मामलों की जांच करेंगे। इन्होंने लालू यादव और नारायण सांई को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
आईपीएस राकेश अस्थाना 1984 बेच के गुजरात केडर के आफिसर हैं। परंतु 1992 से 2002 तक उनकी प्रतिनियुक्ति सीबीआई में थी। इस दौरान उन्होंने चारा घोटाले में दोषियों को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके बाद उनकी नियुक्ति गुजरात के पुलिस कमिश्नर के रूप में की गई। सूरत-वडोदरा समेत कई शहरों में उनके काम की प्रशंसा की जाती है। अब उनकी नियुक्ति एक बार फिर सीबीआई में हो जाने से वे दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं।
राष्ट्रीय मामलों को सुलझाने में महारत
1984 में आईपीएस होने के बाद राकेश अस्थाना की पोस्टिंग गुजरात में हुई, तब से 1992 तक उन्होंने गुजरात के कई क्षेत्रों में सराहनीय काम किया। 1990 में हुए साम्प्रदायिक दंगों पर काबू पाने की जिम्मेदारी उन्हें दी गई। उन्हें संवेदनशील क्षेत्रों में ड्यूटी करने को कहा गया। जिसका उन्होंने बखूबी से पालन किया। इसके बाद 1991 में पाटण में हुए साम्प्रदायिक दंगों को कुचलने का कार्यभार सौंपा गया। ऐसा कहा जा सकता है कि उन्हें अशांत क्षेत्रों को कंट्रोल करने का काम सौंपा गया। सरकार उनकी प्रतिभा का इस्तेमाल फायर ब्रिगेड की तरह करती। आखिर 1992 में उन्होंने नए अनुभव लेने के लिए सीबीआई में डेप्युटेशन पर जाना तय किया। दस साल तक सीबीआई में काम करने के दौरान उन्होंने कई विवादास्पद मामलों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, इसमें चारा घोटाला प्रमुख है।
बी.ए., एम.ए. के बाद अस्थाना बने प्रोफेसर
पहले बिहार जो इस समय झारखंड में है, के नेतरहाट के निवासी शिक्षक पिता हरिकृष्ण अस्थाना के बेटे हैं। नेहरहाट में ही इंटर मीडियट पास करने के बाद वे आगरा आ गए। यहां सेंट जोंस कॉलेज से इतिहास विषय से उन्होंने बी.ए. किया। फिर कुछ समय के लिए दिल्ली के जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में एडमिशन लिया। पर यहां पढ़ाई अधूरी छोड़कर उन्होंने रांची के कॉलेज में इतिहास के लेक्चरर के रूप में अपनी सेवाएं देनी शुरू कर दी। साथ ही यूपीएससी की तैयारी में लग गए।
बचपन से ही थी पुलिस विभाग में सेवा देने की भावना
अस्थाना के परिवार में कोई भी इस क्षेत्र में नहीं था। बचपन से उनका झुकाव पुलिस की तरफ था। आईपीएस में सिलेक्शन हुआ, तब उनकी उम्र केवल 23 वर्ष थी। मसूरी-हैदराबाद की ट्रेनिंग के बाद मार्च 1986 में गुजरात पुलिस में उनकी नियुक्ति हुई। पहली पोस्टिंग एएसपी के रूप में पेटलाद में हुई, उसके बाद जामनगर के एसपी बनाए गए।