Lockdown: शहर की तुलना में गुजरात की ग्रामीण जनता कोरोना से सतर्क, गांव में प्रवेश बंदी के बोर्ड लगे
Lockdown ग्रामीण इलाकों में गांव के बाहर ही बोर्ड लगा दिया जाता है कि हमारे गांव में आपका स्वागत नहीं है आप अपने घर में और हम अपने घर में।
अहमदाबाद, जेएनएन। Lockdown:गुजरात में कोरोना की महामारी से बचने के लिए लॉकडाउन सहित कर्फ्यू का उपयोग भी किया जा रहा है, किन्तु शहर की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में इसका सख्ती से पालन किया जा रहा है। शहर के लोग जहां इसे तवज्जो नहीं दे रहे हैं, वहीं ग्रामीण इलाकों में गांव के बाहर ही बोर्ड लगा दिया जाता है कि हमारे गांव में आपका स्वागत नहीं है, आप अपने घर में और हम अपने घर में। गांव के लोग कम पढ़े लिखे होने के बाद भी लॉकडाउन का अमल कर रहे है। यहां के कई गांवों में मास्क को अनिवार्य बना दिया गया है। मास्क न पहनने पर 250 रुपये जुर्माना वसूल करने का निर्णय लिया गया है। यदि गांव में किसी के घर मेहमान आता है तो उसे 1000 रुपये जुर्माना देने का निर्णय किया गया है। पंचायत के इस प्रकार के निर्णय के कारण शहर की तुलना में गांव में इसका सख्ती से अमल हो रहा है। परिणामतः शहरों की तुलना में गांव में कोरोना नियंत्रण में है।
गुजरात के दाहोद जिले के सादरा गांव में 1600 की जनसंख्या है। यहां कोरोना को फैलने से रोकने के लिए विशेष सावधानी रखी गई है। गांव के सरपंच बलवंत सिंह राठवा ने बताया कि हमारे गांव में मास्क और सैनिटाइजर अनिवार्य कर दिया गया है। गांव में एक कमेटी गठित की गई है, जो यह देखती है कि गांव में किसी के पास जीवन जरूरत की वस्तु है या नहीं। सोशल डिस्टेंस का पालन हो रहा है कि नहीं। गांव में कोई मास्क पहन रहा है या नहीं। मास्क नहीं पहनने पर 250 रुपये जुर्माना, वहीं दूसरी बार मास्क बिना पाए जाने पर 500 रुपये वसूलने का निर्णय किया गया है। गांव में सभी सामाजिक कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। गरीब लोगों में जरूरी वस्तुओं का वितरण किया जाता है।
वहीं, साबरकांठा जिले के दरामली गांव में भी कोरोना को लेकर सतर्कता है। गांव के प्रवेश द्वार पर ही सैनिटाइज टनल बनाया गया है। इस टनल से गुजरने के बाद ही गांव में प्रवेश दिया जाता है। गांव में प्रवेश करते ही रजिस्टर में नाम दर्ज किया जाता है। यहां इस गांव में बाहर के व्यक्तियों को प्रवेश ही नहीं दिया जाता।
अहमदाबाद जिला-तहसील के जाणू नामक गांव में लॉकडाउन के नियमों को सख्त किया गया है। गांव के सरपंच बलदेवजी ठाकोर ने बताया कि उन्होंने गांव के सभी लोगों को आगाह किया है कि कोई प्रवेश न करे। यदि कोई आएगा तो उसके पास से हजार रुपये जुर्माना वसूलने का निर्णय किया है। सुबह में नौ से ग्यारह और शाम साढ़े पांच से साढ़े छह बजे तक गांव की दुकानें खुली रहती हैं। दुकानदारों से भी कहा गया है कि वे सोशल डिस्टेंस रखे।
गुजरात के कई गांवों में कोरोना के मद्देनजर बहुत ही सतर्कता है। कई गांवों में तो युवकों ने यह मोर्चा संभाल लिया है। वे मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग कर रहे हैं। अब तो अहमदाबाद शहर के नागरिकों को इस पर अमल की जरूरत है।