Coronavirus: सूरत में कोरोना से लड़ने के लिए कैदियों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया 1.11 लाख का चेक
Coronavirus. सूरत में लाजपोर जेल के कैदियों ने 111111 रुपये का चेक मुख्यमंत्री सहायता कोष में दिया है।
अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात में सूरत की लाजपोर जेल के कैदियों ने नई तकनीक की सहायता से अपने परिजनों से बात करने का नया तरीका खोज निकाला है। वहीं, इन कैदियों ने कोरोना से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में 1,11,111 रुपये का सहयोग दिया है।
कोरोना महामारी के कारण देश में हुए लॉकडाउन के चलते सूरत की लाजपोर जिले में भी कैदियों से उनके परिजनों की मुलाकात बंद कर दी गई थी। अब जेल प्रशासन ने टेक्नोलॉजी की मदद से कैदियों के परिजनों से घर बैठे ही बातचीत करवानी शुरू की है। अभी तक तकरीबन 88 कैदियों ने अपने परिजनों से बातचीत के साथ ही उनका दीदार भी किया है।
जानकारी के अनुसार, कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लाजपोर केंद्रीय जेल प्रशासन ने ई-मुलाकात शुरू करने का निर्णय किया। इसमें कैदियों के परिजनों को सरकारी वेबसाइड ई प्रिजन डॉटएनआईसीडॉटइन पर फार्म भरना पड़ता है। फार्म की जांच के बाद जेल प्राधिकरण मुलाकात कराने के बारे में निर्णय करता है। जिसके पास स्मार्टफोन और नेट कनेक्शन होता है, उसी को इस सुविधा का लाभ मिलता है। यदि जेल प्राधिकरण द्वारा सकारात्मक निर्णय होगा तो उसी नंबर पर वीडियो कॉलिंग करवाई जाती है।
लोजपोर जेल के अधीक्षक मनोज निनामा ने बताया कि इस सेवा का लाभ संगीन आरोपों में शामिल कैदियों को नहीं दिया जाता है। प्रतिदिन 18 से 20 कैदी इस नई तकनीक के माध्यम से अपने परिजनों से बातचीत करते हैं। गत तीन अप्रैल से इस नई तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
देश का हर नागरिक कोरोना वायरस से लड़ने के लिए उठ खड़ा हुआ है। देश के लोग प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सहायता कोष में अपना सहयोग दे रहे है। सूरत लाजपोर जेल के कैदियों ने भी यह साबित कर दिया है कि वे भी इस काम में किसी से पीछे नहीं है। इन्होंने 1,11,111 रुपये का चेक मुख्यमंत्री सहायता कोष में दिया है।
जेल अधीक्षक ने बताया कि कैदियों को उनके काम के अनुसार उन्हें मेहनताना दिया जाता है। इन कैदियों ने अपनी इस बचत से उक्त रकम एकत्र की है। इसके लिए कैदियों ने जेल के अधीक्षक से अनुमति प्राप्त की थी। अनुमति के बाद ही उक्त रकम एकत्र कर मुख्यमंत्री सहायता कोष में प्रदान की।