मैं सिर्फ अपनी लाइन बड़ी करता हूं : वंजारा
मैं दूसरों की लाइन छोटी करने के बजाय अपनी लाइन बड़ी करने में यकीन करता हूं। गुजरात एटीएस के मुखिया रहे डीजी वंजारा, जिन पर इशरत जहां के फर्जी एनकाउंटर का आरोप हैं।
सूरत। गुजरात एटीएस के मुखिया रहे डीजी वंजारा, जिन पर सोहराबुद्दीन, तुलसी प्रजापति, इशरत जहां के फर्जी एनकाउंटर का आरोप हैं। 9 साल से जेल में थे। हाल में जमानत पर छूटे हैं। जेल से बाहर आते ही राजनीति में जाने का ऐलान कर दिया।
मैं दूसरा अमित शाह क्यों बनूं? मैं पहला वंजारा ही बनूंगा। मैं दूसरों की लाइन छोटी करने के बजाय अपनी लाइन बड़ी करने में यकीन करता हूं।
संयोग बदले और समीकरण भी बदल गए। जब पत्र लिखा था तब हालात कुछ और थे। अब नरेंद्रभाई प्रधानमंत्री बन गए हैं। अमितभाई पार्टी के मुखिया। मुझे जमानत न्याय प्रक्रिया और सबूतों के बल पर मिली है। बाकी संयोग है।
देखिए, निर्दोष होने के बावजूद मैं 9 साल जेल में रहा। वो मेरा तप था। जिस फल के लिए मैंने काम किया, सजा काटी अब फल मिला है, तो जनता के साथ बांटना चाहता हूं। जनता ही इसकी असली हकदार है।
गुजरात की जनता को मैं 5 चीजें देना चाहता हूं। सामाजिक एकता-सद्भावना। राजकीय स्थिरता। जनभागीदारी। आर्थिक विकास और सबको न्याय। इसी को लेकर मैं पूरे गुजरात में घूम रहा हूं।