Gujarat: अब लीजिए बिना गुठली वाले आम का स्वाद, रत्ना व हाफुस आम की संकर प्रजाति तैयार
mangoe. गुजरात में पहली बार एक किसान ने रत्ना व हाफुस आम की संकर प्रजाति की फसल तैयार करने में सफलता पाई है। इस विशेष प्रजाति के आम में गुठली नहीं होती।
अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। mangoe. लॉकडाउन व खराब मौसम के चलते गुजरात के प्रसिद्ध केसर आम की आमद प्रभावित हो रही है। इस बीच, एक किसान ने राज्य में पहली बार रत्ना व हाफुस आम की संकर प्रजाति की फसल तैयार करने में सफलता पाई है। इस विशेष प्रजाति के आम में गुठली नहीं होती।
गुजरात के सौराष्ट्र में बड़े पैमाने पर आम की पैदावार होती है। अप्रैल से फलों के राजा आम का सीजन शुरू हो जाता है, जो जून-जुलाई तक चलता है। सासण गीर अनिल फॉर्म के किसान शमशुद्दीन पिछले कई साल से आम की रत्ना, हाफुस, केसर व अन्य देसी नस्ल की पैदावार ले रहे हैं। इस बार उन्होंने गुठली रहित आम की पैदावार में सफलता हासिल की है।
शमशुद्दीन बताते हैं कि कोंकण कृषि विद्यापीठ के विशेषज्ञ गुठली रहित आम की प्रजाति पर वर्षों तक काम करने के बाद सफलता पा चुके थे। उसी तर्ज पर शमशुद्दीन ने रत्ना व हाफुस आम की संकर प्रजाति विकसित की और उसकी पैदावार भी अब लगभग तैयार है। उन्होंने बताया कि गुजरात में पहली बार गुठली रहित आम तैयार हुए हैं। इसके फल में बीज तो होते हैं, लेकिन उनके ऊपर की कड़ी परत नहीं होती। हालांकि, इसका स्वाद अगले माह ही मिल पाएगा।
गोंडल मार्केट यार्ड के निरीक्षक महेश भाई वाडोदरिया बताते हैं कि जूनागढ़, भावनगर, सासण गीर, सुरेंद्रनगर व जामनगर आदि जिलों की मंडियों में अप्रैल के प्रारंभ से ही आम की आमद शुरू हो जाती थी। लेकिन, इस बार मौसम खराब होने के कारण फसल प्रभावित हुई है। इससे आम की आमद में 15-20 दिनों की देर होगी। लॉकडाउन के कारण आम की कीमत भी प्रभावित होगी। जूनागढ़ के तलाला मार्केट यार्ड ने 10 मई से आम की खरीद की सूचना किसानों को दी है। हालांकि, किसानों की एक परेशानी कार्टून (गत्ते) की अनुपलब्धता भी है। फैक्ट्रियों के बंद होने के कारण गत्ता उत्पादन भी प्रभावित हुआ है।