Gujarat Budget: दो लाख युवाओं को सरकारी नौकरी का वादा, जानें-बजट की खास बातें
Gujarat Budget पांच साल में दो लाख युवाओं को सरकारी नौकरी के वादे के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से शुरू की गई आदिवासी व मछुआरों के विकास की योजनाओं पर डेढ़ लाख करोड़ खर्च करेगी। फार्मा एनर्जी आईटी बैंकिंग व सेवाक्षेत्र में सरकार 20 लाख रोजगार पैदा करेगी।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात सरकार ने अपने बजट में न कोई नया टैक्स लगाया ना किसी तरह की राहत दी। पांच साल में दो लाख युवाओं को सरकारी नौकरी के वादे के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुरू की गई आदिवासी व मछुआरों के विकास की योजनाओं पर डेढ़ लाख करोड़ खर्च करेगी। फार्मा, एनर्जी, आईटी बैंकिंग व सेवाक्षेत्र में सरकार 20 लाख रोजगार पैदा करेगी। मुख्यमंत्री व वित्तमंत्री नितिन भाई पटेल ने बुधवार को मोबाइल एप के जरिए बजट पेश किया, सदन में उनका यह नौवां बजट था। सरकार ने बजट में स्वास्थ्य व परिवार कलयाण पर 11323 करोड़ रुपये तथा शिक्षा पर 32719 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया।
आगामी पांच साल में सरकारी, अर्द्धसरकारी, बोर्ड, निगम तथा स्थानीय निकायों में योग्यता रखने वाले दो लाख युवाओं को नौकरी दी जाएगी। पांच साल में मेन्युफेक्चरिंग, फार्मा, एनर्जी, इंजीनियरिंग, आईटी, पर्यटन, हॉस्पीटेलिटी, फूड प्रोसेसिंग, बेंकिंग तथा सर्विस सेक्टर आदि में 20 युवाओं के लिए रोजगार पैदा किया जाएगा।दो लाख 27 हजार 29 करोड़ रुपये का 587,88 करोड़ रुपये का सरप्लस बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री ने बताया कि राजकोट व जंबुसर में एक-एक मेडिकल पार्क तथा दो टेक्सटाइल पार्क के निर्माण की योजना है। पीएम मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते जो योजनाएं शुरू की थीं। गुजरात सरकार अब उन पर डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी, ताकि आदिवासी व मछुआरों के जीवन को बेहतर कियाजा सके। नितिन पटेल ने बताया कि सरकार पांच साल में 14 जिलों में फैले 90 लाख आदिवासियों की सामाजिक व सांस्कृतिक सुरक्षा पर वनबंधू कल्याण योजना-2 के जरिए एक लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। जबकि 15 जिलों में फैले 70 लाख मछुआरा परिवारों पर 50 हजार करोड रुपये खर्च करेगी।
हर घर तक नल से जल योजना के तहत गांधीनगर, मेहसाणा,पोरबंदर, बोटाद तथा आणंद जिले के सौ फीसद घरों में नल से जल पहुंचाया जा रहा है। राज्य के शेष 17 लाख 78 हजार घरों तक नल से जल पहुंचाने के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। सौराष्ट्र व कच्छ के समुद्री किनारे के गांवों में चार जगह खारे पानी को पीने योग्य बनाने के लिए 27 करोड़ लीटर क्षमता के डिसेलीनेशन प्लांट के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
परेश धनाणी ने कही ये बात
गुजरात विधानसभा में नेता विपक्ष परेश धनाणी ने कहा कि जनता की खरीद शक्ति घट गई। राज्य में उत्पादन घटा फिर भी सरकार के कर की आवक में कैसे बढ़ोतरी हो गई। अगले साल सरकार का कर्ज 3.50 लाख करोड़ पहुंच जाएगा, जो बजट से भी 1.34 लाख करोड़ अधिक होगा। राज्य सरकार का बजट आंकड़ों की मायाजाल है, दिशाविहीन व निराशाजनक बजट सामान्य व मध्यम वर्ग के लोगों के जीवन की मुश्किल बढ़ाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने विधानसभा में ली चुटकी
अहमदाबाद। उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का नाम लिए बिना कहा कि देश के एकीकरण के लिए 64 राजे रजवाड़ों ने अपनी अरबों रुपये की संपत्ति तथा राजपाट सरदार वल्लभ भाई पटेल के समक्ष समर्पित कर दिए थे, लेकिन बाद में उनके प्रीवीपर्स को समाप्त कर उनके साथ वादा खिलाफी की गई। बजट भाषण में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का जिक्र करते हुए कहा कि जिन राजा-महाराजाओं ने देश की एकता के लिए अरबों की संपत्ति व राजपाट समर्पित कर दिए उनके प्री वीपर्स छीनकर वचनभंग किया गया। गौरतलब है कि आजादी के बाद सरदार पटेल ने कुछ शर्तों के साथ पूर्व राजपरिवारों व राज्यों का भारत में विलय किया था। बाद में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इन पूर्व राजपरिवारों को प्री वीपर्स के रूप में मिलने वाली आर्थिक सहायता को बंद कर दी थी।
नितिन पटेल की घुड़की
कोरोना महामारी के दौरान गुजरात के सभी विधायकों को मिलने वाली सालाना डेढ़ करोड़ का अनुदान फिर शुरू कर दिया गया है। सदन में नितिन पटेल ने जब इसकी घोषणा की तो कांग्रेस विधायकों ने बीते वर्ष का अनुदान भी देने की गुहार लगाई तो उपमुख्यमंत्री बोले की महामारी में जनता, गरीब, किसान, व्यापारी, बिजनेसमैन हर व्यक्ति ने नुकसान झेला है। सभी विधायकों ने भी 30 फीसद वेतन दिया, लेकिन अब पिछला अनुदान मांगकर अपनी प्रतिष्ठा को खराब नहीं करें। अगर सलाह नहीं माननी है तो जाओ नीचे मीडिया भी मौजूद है, मांगकर देख लो जनता के सामने कैसे लगोगे। नितिन पटेल की इस घुड़की के बाद विपक्षी सदस्य शांत हो गए।