गुजरात के समक्ष जीएसटी कलेक्शन सबसे बड़ी चुनौतीः वित्त आयोग
15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने बताया कि गुजरात का सतत आर्थिक विकास काफी बेहतर है।
अहमदाबाद, जेएनएन। पंद्रहवें वित्त आयोग ने कहा है कि गुजरात का आर्थिक विकास अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय है, शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ सामाजिक सेवाओं में भी गुजरात में काफी सुधार नजर आ रहा है। गुजरात के समक्ष जीएसटी कलेक्शन सबसे बड़ी चुनौती है। साथ ही, जीडीपी के अनुपात में कर्ज का प्रतिशत अपने दायरे में है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य को नशाबंदी से हो रहे हजारों करोड़ रुपये के घाटे के बदले बोनस की मांग रखी।
15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने बताया कि गुजरात का सतत आर्थिक विकास काफी बेहतर है। आयोग राज्य के लगातार घटते कर्ज से आयोग काफी प्रभावित है तथा बताया कि 2024 तक सकल घरेलू उत्पाद दर काफी बेहतर होगी। राज्य में सामाजिक सेवाओं में हो रहे सुधार पर आयोग ने खुशी जताई तथा शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में आ रहे लगातार सुधार को सराहा है। सिंह ने कहा कि गुजरात के आर्थिक विकास का अनुकरण अन्य राज्यों को करना चाहिए। देश के मेन्युफेक्चरिंग में भी राज्य का योगदान उललेखनीय है।
उन्होंने बताया कि एक जुलाई को जीएसटी लागू होने से यह आंकडे नौ माह के हैं अगले साला पूरे वित्तीय वर्ष के आंकडे पेश किए जाएंगे। सिंह से आयोग के काम में राजनीति दखल के सवाल पर उनका कहना था कि यह संस्था संवैधानिक है तथा अपने गठन 1952 से अब तक स्वतंत्र रूप से बिना किसी के हस्तक्षेप के काम कर रही है।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने आयोग के समक्ष कहा कि राज्य को नशाबंदी के चलते सालाना 9864 करोड़ रुपयों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। वित्त आयोग को गुजरात, बिहार जैसे राज्यों जहां नशाबंदी का पालन किया जा रहा है, को इसके बदले बोनस दिया जाना चाहिए। इस पर आयोग का कहना था, यह सरकार का नीतिगत फैसला है।