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Gujarat: बैंक धोखाधड़ी में ईडी ने 18 करोड़ की संपत्ति जब्त की

Bank Fraud. ईडी ने सूरत की कंपनी नकोडा लिमिटेड के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक बाबूलाल जी. जैन उनके बेटे व संयुक्त प्रबंध निदेशक देवेंद्र बाबूलाल जैन तथा अन्य पर केस दर्ज किया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 01 Jan 2020 06:59 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jan 2020 06:59 PM (IST)
Gujarat: बैंक धोखाधड़ी में ईडी ने 18 करोड़ की संपत्ति जब्त की
Gujarat: बैंक धोखाधड़ी में ईडी ने 18 करोड़ की संपत्ति जब्त की

नई दिल्ली, प्रेट्र। Bank Fraud . प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुजरात की एक कंपनी की 18 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत वाले नौ पवन टरबाइन जेनरेटर और जमीन को जब्त कर लिया है।

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ईडी ने सूरत की कंपनी नकोडा लिमिटेड के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक (एमडी) बाबूलाल जी. जैन, उनके बेटे व संयुक्त प्रबंध निदेशक देवेंद्र बाबूलाल जैन तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

ईडी के बयान में कहा गया है कि कंपनी ने 13 बैंकों के कंसोर्टियम से फंड आधारित और नॉन फंड आधारित वित्तीय सुविधाएं हासिल कर ली थीं। कंसोर्टियम का नेतृत्व केनरा बैंक कर रहा था। इसके बाद कंपनी ने 2,107 करोड़ रुपये के लोन को वापस नहीं किया।' ईडी का आरोप है कि जैन ने ट्रेडर पुनीत रूंगटा और चार्टर्ड अकाउंटेंट जगदीश सोमानी के साथ मिलकर फैंसी फैब्रिक्स की फर्जी खरीद-बिक्री की।

एजेंसी ने बताया कि तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में स्थित कंपनी के नौ पवन टरबाइन जेनरेटर और जमीन को प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत जब्त किया गया है।

गुजरात के पूर्व आइएएस अफसर की 36 करोड़ से ज्यादा की संपत्तियां जब्त

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग मामले में गुजरात कैडर के पूर्व आइएएस अधिकारी संजय गुप्ता व उनके परिवार की 36 करोड़ से ज्यादा की संपत्तियां जब्त की हैं। केंद्रीय एजेंसी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के 1985 बैच के अधिकारी रहे गुप्ता ने वर्ष 2002 में नौकरी छोड़कर आतिथ्य सेवा (हॉस्पिटैलिटी) का कारोबार शुरू किया था, जिसका नाम नीशा ग्रुप ऑफ कंपनीज है। ईडी ने उनके खिलाफ मेट्रो लिंक एक्सप्रेस फॉर गांधीनगर एंड अहमदाबाद कंपनी लिमिटेड (एमईजीए) से संबंधित गबन तथा आपराधिक कदाचार के मामले में मुकदमा दर्ज किया है। गुप्ता अप्रैल 2011 से अगस्त 2013 के बीच एमईजीए के चेयरमैन थे।

ईडी के बयान के अनुसार, 'जांच में पाया गया कि गुप्ता ने एमईजीए के चेयरमैन रहते हुए विभिन्न पदों पर अपने करीबियों की नियुक्ति की। गुप्ता ने वर्ष 2012-13 में कई मुखौटा कंपनियां बनाईं और इन कर्मचारियों को उनका निदेशक बना दिया।'केंद्रीय एजेंसी ने गुप्ता, उनकी पत्नी नीलू गुप्ता, नीशा ग्रुप की कंपनियों- नीशा लेजर लिमिटेड, नीशा टेक्नोलॉजी, नीशा एग्रीटेक एंड फूड्स की संपत्तियों की जब्त करने के लिए आदेश जारी किया था। जब्त संपत्तियों में अहमदाबाद के धनंजय टॉवर में स्थित फ्लैट, इसी इलाके की कुछ अचल संपत्तियां, थलतेज में स्थित कैंबेज होटल, विशालपुर, चांगोदर और दसकरोई स्थित प्लॉट्स एवं फैक्टि्रयां तथा जोधपुर का कैसेला टॉवर शामिल हैं।

जांच एजेंसी के अनुसार, 'गुप्ता ने एमईजीए के ठेकों के लिए किसी नियम का अनुपालन नहीं किया। सामग्री और सेवा की आपूर्ति के लिए मुखौटा कंपनियों को ठेके दिए गए और फर्जी बिल बनाए गए।' इस मामले में राज्य पुलिस की तरफ से मुकदमा दर्ज होने और गुप्ता व अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए जाने के बाद ईडी ने मामले को अपने हाथ में ले लिया। 

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